बरेली मेयर पर गैंगरेप का आरोप लगाने वाली महिला मुकरी कहा-विरोधी पार्टी की साजिश 

डॉ उमेश गौतम पर गंभीर आरोप लगाने वाली महिला ने कोतवाली पहुंचकर पत्रकारों के सामने हाथ जोड़कर माफी मांगी और कहा कि उन्होंने भूल बस डॉ उमेश गौतम पर आरोप लगाए थे जिसके लिए उन्हें बहुत खेद है और वह डॉक्टर उमेश गौतम से माफी मांगते हैं साथ ही उन्हें उम्मीद भी है कि डॉ गौतम उन्हें माफ कर देंगे।आरोप लगाने वाली शामली नाम की महिला ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कोतवाली में बताया कि बीते दिनों उन्होंने गैंगरेप और अपरहण के आरोप लगाए थे लेकिन मुकदमा ज्ञात में लिख आया था बाद में उन्होंने किसी के कहने पर डॉक्टर उमेश गौतम के खिलाफ बयान दे दिए थे जिसका उन्हें अत्यंत खेद है और वह माफी मांगना चाहती हैं इसके अलावा उन्हें कुछ नहीं कहना।आरोप लगाने वाली महिला ने कहा कि वह दिल के मरीज हैं और ब्लॉकेज भी है जिसके इलाज के लिए वह दिल्ली जा रही हैं उनका इलाज बरेली के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर पुनीत संधि के निर्देशन में चल रहा है।दिल के मरीज होने की दुहाई देकर महिला ने पत्रकारों की सहानुभूति हासिल करने की कोशिश की लेकिन दिल के इलाज संबंधी कोई परिचय और कागज नहीं दिखाए जिस पर पत्रकारों ने पूछा कि आप दिल की मरीज है मान लिया ठीक है लेकिन मानसिक रोगी तो नहीं है दिमाग का इलाज तो नहीं चल रहा आखिर ऐसे में आप ने किन के दबाव और किसके कहने पर डॉक्टर उमेश गौतम के खिलाफ आरोप लगाए जिस पर महिला गड़बड़ा गई और हाथ जोड़कर फिर कहने लगी कि डॉ उमेश गौतम साहब मुझे माफ कर देंगे।पत्रकारों ने पूछा कि आप ने मजिस्ट्रेट के सामने 164 के तहत बयान दिए हैं ऐसे में दोबारा बयान अगर फिर हुए तो फिर आप के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है इसकी जानकारी है आपको। इस सवाल के जवाब में महिला ने कहा कि यह मामला उनके और कोर्ट के बीच का है।कुल मिलाकर महिला ने कोतवाली पहुंचकर स्वीकार कर लिया है कि पूर्व महापौर डॉक्टर उमेश गौतम पर लगाए गए आरोप झूठे थे और किसी के इशारे पर लगाए गए थे । ऐसे हालातों में लोग चर्चा करते हुए चुने गए कि एक बड़े राजनेता और शिक्षाविद के सम्मान को आघात और मानहानि पहुंचाने के आरोप में महिला ने अपराधिक षड्यंत्र किया है जिसके खिलाफ उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए और परदे के पीछे इस षड्यंत्र का मास्टरमाइंड कौन है उसका चेहरा भी आना चाहिए।सूत्र बताते हैं कि बरेली के महापौर की सीट सामान्य हो चुकी थी और तत्कालीन महापौर डॉ उमेश गौतम ही फिर से महापौर पद के दावेदार थे जिसकी अनौपचारिक घोषणा होना भर बाकी रह गई थी । सूत्रों की माने तो इस महिला को षड्यंत्र के तहत डॉक्टर उमेश गौतम पर आरोप लगाने के लिए प्रेरित किया था । अब यह खुलासा होना बाकी है कि आखिर इस महिला को मोहरा बनाने के एवज में क्या सौदेबाजी हुई थी।सूत्रों की मानें तो पुलिस और प्रशासन लगातार इस महिला पर नजर रख रहा है और बहुत जल्द इस मामले का मास्टरमाइंड भी प्रकाश में आ सकता है। लोग कह रहे हैं कि डॉक्टर उमेश गौतम को फिर से महापौर बनने से रोकने के लिए ही इस महिला का इस्तेमाल किया गया था।अब देखना है कि भारतीय जनता पार्टी का शीर्ष नेतृत्व इस मामले में क्या कार्रवाई करता है। कुल मिलाकर आरोप लगाने वाली महिला ने तत्कालीन महापौर डॉ उमेश गौतम के चरित्र हनन की हर संभव कोशिश की लेकिन आखिरकार दूध का दूध और पानी का पानी हो गया। तत्कालीन महापौर पर लगाए गए सभी आरोप झूठे निकले और महिला ने पत्रकारों के सामने हाथ जोड़कर माफी मांगी।बरेली के निवर्तमान महापौर डॉ उमेश गौतम ने महिला के आरोप लगाने के बाद कुछ देर बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए अपनी सफाई में कहा था कि लगता है कि महिला का मानसिक संतुलन ठीक नहीं है। उन्होंने महिला द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को हास्यास्पद बताते हुए झूठा करार दिया था और आज यह बात साबित भी हो गई जब महिला ने कोतवाली पहुंचकर हाथ जोड़कर माफी मांगी और कहा कि डॉ उमेश गौतम पर उनके द्वारा लगाए गए आरोप झूठे थे।डक्टर उमेश गौतम ने उसी दिन कहा था कि उनके बढ़ते राजनीतिक प्रभाव और कद को नुकसान पहुंचाने के लिए ही किसी ने इस महिला को दुष्प्रेरित किया है। जो आज साबित भी हो गई। अब समूचा शहर जानना चाहता है कि डॉक्टर उमेश गौतम के खिलाफ आरोप लगाने वाली महिला को किसने प्रेरित किया था।