मिश्रित तहसील के मुख्य गेट पर जलभराव होने के कारण लोगों का निकलना हुआ मुश्किल ।

सीतापुर/ गत दिनों मिश्रित तहसील को विभिन्न प्रकार की जन शिकायतों और मुकदमों के निस्तारण व्यवस्थाओं की बेहतरी आदि को लेकर अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन आई एस ओ द्वारा प्रदान किया गया प्रमाण पत्र हकीकत को देखकर बेमानी ही साबित हो रहा है। मजेदार बात तो यह है कि तहसील के मुख्य गेट पर सुद्रण जल निकासी व्यवस्था न होने के कारण आज बुधवार को हल्की बरसात में ही जलभराव हो गया है जिससे पैदल निकलना भी मुश्किल बना हुआ है इतना ही नहीं वादों के निस्तारण की हकीकत तो यह है कि लंबे समय से सैकड़ों मुकदमे अपने निस्तारण की बाट जोहते चले आ रहे हैं वादकारी परेशान हैं आय जाति निवास प्रमाण पत्र जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र हैसियत प्रमाण पत्र आदि का आवेदन करने वाले जब तक संबंधित लेखपाल और उनके प्राइवेट लगे मुंशियों सहित राजस्व निरीक्षक और उनके मुंशी को भेंट पूजा नहीं चढ़ाते तब तक इन प्रमाण पत्रों पर संबंधित अधिकारी के डिजिटल हस्ताक्षर होकर प्रमाण पत्र मिलना ही मुनासिब नहीं है। तहसील के विभिन्न पटलों पर लगे गैर सरकारी कर्मचारी पूरी तरह तहसील में भ्रष्टाचार का पर्याय बने हुए हैं ऑनलाइन शिकायत आईजीआरएस का भी अधिकांशतः फर्जी और मनमाने तरीके से निस्तारण किया जा रहा है जबकि आई एस ओ प्रमाण पत्र राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन के द्वारा सभी सेवाओं के चुस्त-दुरुस्त होने पर ही प्रदान किया जाता है फिर इस तहसील में ऐसा तो कुछ है नहीं अधिकारी कर्मचारी अधिकांशतः अपनी सीटों से नदारद रहते हैं ऑनलाइन शिकायतों का पक्ष विपक्ष दोनों को बगैर सूचना दिए मनमाने तरीके से निस्तारण किया जाता है भारी संख्या में जमीनी कब्जे के मुकदमें तहसील में सुरसा की तरह मुंह फैलाए हुए हैं जिन व्यवस्थाओं के सुधार होने के कारण मिश्रित तहसील को यह प्रमाण पत्र मिला है वैसा तो कुछ यहां की सेवाओं में वर्षों से नजर नहीं आ रहा है फिर प्रमाण पत्र देने वाले संगठन के लोगों ने कैसे किया सर्वे? संदेह के कटघरे में है। जनता और जागरूक लोगों के सामने यह एक अनुत्तरित गंभीर यक्ष प्रश्न खड़ा हुआ है कि लोगों की समस्याओं मुकदमों तथा शिकायतों आदि का निस्तारण तो भगवान भरोसे ही है फिर कैसे मिल गया सेवाओं के सुदृढ़ीकरण का इस तहसील को प्रमाण पत्र ।शासन और प्रशासन अगर गंभीरता से जांच करा ले तो सारी कलई खुद ब खुद खुलकर सामने आ जाएगी। और प्रमाणपत्र देने वाले संस्थान के लोगों और यहां तहसील प्रशासन के मध्य अंदरूनी घालमेल का मामला भी उजागर होकर सबके सामने जाएगा।