नशीली गोलियों की गिरफ्त में युवा पीढ़ी,लगाम लगाने में विभाग नाकाम?

कुरुद:-नगर में अवैध नशे के व्यापार पर अंकुश लगने का नाम ही नही ले रहा है। अन्य नशे का समान भी आपको नगर के पुरानी मंडी,इंदिरा नगर,नए बस स्टैंड,श्मशान घाट भरदा मोड़ में आसानी से कुछ अधिक रकम देकर उपलब्ध हो जाती हैं। नशे से जिंदगियां बर्बाद हो रही हैं। नशे की लत में पड़कर युवा भटक रहे हैं और यही वजह है कि अपराध भी बढ़े हैं। नशे की लत के कारण ही अवैध धंधे बढ़ रहे हैं। शराब के अलावा गांजा, नशीली गोलियां,मादक पदार्थों का प्रयोग बढ़ रहा है। जो स्वास्थ्य के लिहाज से बेहद खतरनाक है। जो दवा हमें रोगमुक्त करती है, उसी दवा का उपयोग अब युवा नशे के लिए कर रहे हैं। नशे के रूप में अब तक पान, गुटखा, गांजा, भांग, खैनी, बीड़ी, सिगरेट, ताड़ी और शराब कीया जाता था। लेकिन वर्तमान परिदृश्य में दवा की कुछ श्रेणी, ओपीएम युक्त कफ सिरप और कुछ ग्रुपों के इंजेक्शन सस्ते नशे के रूप में धड़ल्ले से उपयोग किये जा रहे हैं।शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसी दवाओं की बिक्री काफी बढ़ गयी है। लेकिन इस पर चौकसी नहीं के बराबर है. लिहाजा जिले में लीवर व किडनी के रोगियों की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है। प्रतिबंधित दवा मेडिकल स्टोर वाले अपने थोड़े फायदे के लिए ग्राहकों को बिना कारण समझाये दवा मुहैया करा देते हैं।मालूम हो कि पेंटविन इंजेक्शन, कॉरेक्स सिरफ, फोर्टवीन, स्पाजमो प्राक्सीवान कैप्सूल, कंपोज का नशे के लिए उपयोग किया जा रहा है. नशे का यह समान सस्ते दर पर उपलब्ध होने के कारण युवाओं में इसका चलन बढ़ चुका है। प्रतिबंधित कॉरेक्स सिरप की धर-पकड़ के लिए छापे तो मारे जा रहे हैं. परंतु कोई बड़ी सफलता विभाग के हाथ नहीं लगती हैं। ओपीएम की मात्रा जिस कफ सीरफ में अधिक होती है. उसका सेवन युवा वर्ग नशे के रूप में करते हैं। प्रॉक्सीवान पेट दर्द से राहत की दवा है.जो दो-तीन रुपये में उपलब्ध होता है. युवा एक साथ चार कैप्सूल खाकर मस्त हो जा रहे हैं। इसके अलावा पेंटविन इंजेक्शन लगाकर भी युवा वर्ग नशे में चूर हो रहे हैं। बच्चो में वोनफिक्स सूंघने की लत लग गयी है। नशे के लिए युवा स्पास्मो प्रॉक्सीवान, एमवीटामइन, एंटी एलर्जिक टेबलेट ऐविल, नारफीन एंपुल, नाइट्रोसीन टेबलेट, आयोडेक्स, कॉरेक्स व फोर्टवीन का उपयोग कर रहे हैं. इसमें से नारफिर व नाइट्रोसिन प्रतिबंधित है। फिर भी मेडिकल स्टोर पर उपलब्ध हो जाती है। सूत्र के अनुसार, ऐसी कुछ दवाओं की बिक्री डेढ़ गुना तक बढ़ गयी है।इस विषय पर मेडिसिन विशेषज्ञ कहते हैं कि पेंटविन इंजेक्शन तत्काल नशा करता है. बोनफिक्स सूंघने से नशा होता है, कॉरेक्स सिरप या कोई भी दवा जो नशा के रूप में ली जा रही है, वह व्यक्ति के स्नायु तंत्र, किडनी, लीवर पर बुरा प्रभाव डालता है और पेरालाइसिस का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। सेंट्रल ड्रग स्टेंडर्ड आर्गेनाइजेशन के निर्देश के अनुसार नींद की गोली तथा हैवी एंटीबयोटिक दवा के लिए एमबीबीएस डॉक्टर की परची जरूरी है. लेकिन कई दवा विक्रेताओं द्वारा इसका पालन नहीं किया जा रहा है,ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित मेडिकल स्टोर में तो इन दवाओं को धड़ल्ले से बिना किसी परचे के बेचा जाता है. शहरी क्षेत्र के कई दुकान भी इन नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। नशे की वजह से सड़क हादसों की संख्या तो बढ़ी ही है, इसके अलावा दुष्कर्म, चोरी, आत्महत्या जैसे मामले भी सामने आए हैं।