150 फीट ऊंचा मोबाइल टॉवर ​​​​​​​चोरी:पुलिस का मानना, कोई एक्सपर्ट ही कर सकता चोरी, खोलने में 10 दिन लग जाते

पाली सिटी

150 फीट ऊंचा मोबाइल टॉवर चोरी:पुलिस का मानना, कोई एक्सपर्ट ही कर सकता चोरी, खोलने में 10 दिन लग जाते

मरुधर आईना सवांददाता ओम प्रकाश प्रजापत

पाली-सिटी चोरी के कई अनोखे केस पुलिस थानों में दर्ज होते आए है। अब एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें चोर 150 फीट ऊंचा मोबाइल टॉवर ही चोरी कर भाग गए। इतना लंबा टॉवर चोरी होना, अपने आप में ही हैरत कर देना वाला है। भारी-भरकम टॉवर को खोलने में ही 10 दिन लग जाते है। ऐसे में चोर कैसे इसे निकाल कर ले गया। यह सवाल बना हुआ।

मामला पाली के शिवपुरा थाने का है। पाली में टॉवर चोरी होने का संभवत यह पहला मामला है। इतना भारी भरकम मोबाइल टॉवर लेकर जाने में भी भारी वाहनों की जरूरत होती है। ऐसी चोरी कोई एक्सपर्ट ही कर सकता है, जो इस काम से जुड़ा हुआ है। इन चोरों को ढूंढ़ना अब पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है। पुलिस में जीटीएल कंपनी के सहायक मैनेजर जयपुर के रहने वाले प्रदीप चतुर्वेदी पुत्र नरेन्द्र चतुर्वेदी ने बुधवार को मामला दर्ज करवाया है।

4 लाख 98 हजार का नुकसान

शिवपुरा थानाधिकारी महेश गोयल ने बताया कि जीटीएल कंपनी के सहायक मैनेजर प्रदीप चतुर्वेदी ने रिपोर्ट में बताया कि पाली जिले के जाडन गांव निवासी रूगाराम, केसाराम पुत्र डावरराम के प्लॉट में उनकी कंपनी का मोबाइल टॉवर लगा हुआ था। 30 अगस्त 2022 को कंपनी का प्रतिनिधि साइट पर निरीक्षण के लिए गया तो 150 फीट ऊंचा मोबाइल टॉवर गायब, शेल्टर और अन्य इलेक्ट्रिक सामान गायब मिला। जिससे उन्हें 4 लाख 98 हजार 273 रुपए का नुकसान हुआ। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।

चोरी को पुलिस मान रही संदिग्ध

करीब 150 फीट ऊंचे टॉवर के चोरी होने की इस रिपोर्ट को प्रारंभिक जांच में पुलिस संदिग्ध मान रही है। उनके अनुसार दोनों पक्षों में लेन-देन का विवाद है। इतना ऊंचा टॉवर कोई कैसे चोरी कर ले जा सकता है। उसके लिए तकनीकी टीम और भारी मशीनरी की आवश्यकता होती है उसके बाद टॉवर को टुकड़ों में ले जाना संभव होता है। इस पूरे काम में 8 से 10 दिन का समय लग जाता है। अगर चोरी भी हुई है तो ऐसी चोरी कोई एक्सपर्ट ही कर सकते है। जो इस काम से जुड़े हुए है।

प्लॉट मालिक बोला, कंपनी के ही आदमी आए थे

पुलिस की अभी तक की जांच में सामने आया कि प्लॉट मालिक ने बताया कि एक टीम आई थी। जिन्होंने मोबाइल टॉवर कम्पनी से आना बताया और वे ही टॉवर को खोलकर ले गए। वे कम्पनी के प्रतिनिधि थे या नहीं यह उन्हें नहीं पता।