मनवर उद्गम स्थल में बसने लगा तंबुओं का शहर, कार्तिक पूर्णिमा पर लगेगा भव्य मेला

गोंडा। जिला मुख्यालय से करीब 17 किलोमीटर दूर तिर्रे-मनोरामा गांव में पौराणिक मनवर नदी का उद्गम स्थल सजना संवरना शुरू हो गया है। यहां हर साल कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर भव्य मेला लगता है।मेले की तैयारियां भी जोर शोर से चल रही हैं। मेले में साफ सफाई के लिए परिसर में इस बार दो दर्जन से अधिक सफाई कर्मचारी पिछले कई दिनों से लगाए गए हैं। वहीं, मेले के लिए सर्कस, झूला और दुकानें लगने का काम भी शुरू हो चुका है। खास तौर पर कई तरह की मिठाईयां और गट्टे का बाजार भी सज रहा है। मेले तक जाने वाले रास्तों को सुगम बनाया जा रहा है, ताकि दूरदराज से आए हुए मेलार्थियों को कोई परेशानी ना हो।इस कार्तिक पूर्णिमा का मुख्य स्नान 08 नवंबर को होगा।मनवर मेले में टेंट और दुकानें लगनी शुरू हो गयी है।इस बार स्नान के लिए प्राकृतिक रूप से बेहतर जलस्तर की व्यवस्था है।

तंबुओं के शहर में रहेंगे सुरक्षा के इंतजाम

कार्तिक पूर्णिमा पर लगने वाले मेले में मनवर नदी के उद्गम पर दो से तीन लाख संख्या में श्रद्धालुओं के जुटने की आशंका व्यक्त की जा रही हैं। इसके मद्देनजर मेला परिसर में 01 डिप्टी एसपी समेत 04 निरीक्षक, 10 सब इंस्पेक्टर, 100 महिला व पुरुष आरक्षी तैनात किया जाएगा। साथ ही पुलिस प्रशासन की ओर से गोताखोर और 01 प्लाटून पीएसी बल भी तैनात रहने के दावे किए जा रहे हैं। घाट पर सुरक्षा की दृष्टि से एक अस्थाई चौकी का निर्माण किया जा रहा है। इसके साथ एक अस्थाई अस्पताल भी बनाया जा रहा है।वहीं अग्निशमन विभाग की टीमें और उनके वाहन भी मेला परिसर में मौजूद रहेंगे।

कई जिलों की दुकानें यहां लगती हैं

इटियाथोक थाना क्षेत्र के मनवर मेले में गोंडा शहर, बहराइच, बलरामपुर व श्रावस्ती समेत आसपास के जिलों और गांव से लोग हिस्सा लेने पहुंचते हैं। कई लोग मेला परिसर में ही रुकते हैं। ऐसे में लोग यहां तंबू के आवास बनाकर रहते हैं। मेले में कई जिलों से लोग आकर चाट पकौड़ी जलेबी आदि का स्टॉल भी लगा रहें हैं। इस बार नए शासनादेश के मुताबिक, मेले में शामिल होने के लिए ग्रामीण ट्रैक्टर ट्राली से नहीं आ सकेंगे। बीते दिनों कानपुर में हुई दुर्घटना के बाद शासन ने इस तरह की यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया है.