सत्तापक्ष और विपक्ष में संतुलन साधने में माहिर स्वच्छ्ता निरीक्षक का कारनामा, पुनर्निमाण करने देने के एवज में मांगे 20 हजार रूपये...!

सिटी अपडेट/उमरिया। शांति मार्ग उमरिया निवासी पुरूषोत्तम बारी पिता स्व.लालमन बारी ने मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पालिका परिषद उमरिया को शपथ पत्र देकर आरोप लगाया है, कि नगर पालिका के स्वच्छता निरीक्षक नारायण दुबे उनके पुस्तैनी मकान के पुनर्निमाण करने देने के एवज में 20 हजार रूपये की रिश्वत मांग रहे है, रिश्वत न देने पर नारायण दुबे के द्वारा फरियादी के साथ अभद्रता एवं गाली गलौच की जाती है। विदित हो पूर्व में भी स्वच्छता निरीक्षक नारायण दुबे पर नगर के नागरिकों से अभद्र व्यवहार करने व अवैध वसूली करने के आरोप लगते रहे है किन्तु सत्ता पक्ष और विपक्ष में संतुलन साधने में माहिर नारायण दुबे पर कभी कोई कारवाही न होने के कारण उनके हैसले बुंलद है। तत्कालीन कलेक्टर जिला उमरिया माल सिंह भयडिया ने नारायण दुबे को भ्रष्टाचार व स्वेच्छाचारिता के आरोप में निलंबित किया था। आरोप पत्र के आरोप क्रं 04 में तत्कालीन कलेक्टर ने लेख किया है कि शासन के पत्र क्रं.1817 दिनांक 30 अप्रैल 2013 के द्वारा 10 लाख रूपये से अधिक राशि के कार्यो के लिए ई-निविदा की कार्यवाही अनिवार्य है किन्तु नारायण दुबे के द्वारा परिषद केक संकल्प क्रं. 43 दिनाक 12.08.2013 की स्वीकृति के तहत दिनांक 14.08.2013 को अर्थ मास्टर बैकोह लोडर मशीन क्रय करने की कार्यवाही की गई, जिसमें ई-टेण्डरिंग की प्रक्रिया पालन नही किया गया है।

नवीन पर नारायण की कृपा :

संचालनालय के परिपत्र क्रं. एफ/17339/दिनांक 06.10.1995, परिपत्र क्रं. एफ4/680/99/18-1 भोपाल दिनांक 09.11.1999 एवं आदेश क्र. 6987 दिनांक 31.12.1999 के द्वारा दैनिक वेतन पर कर्मचारियों के निकाय पर रखे जाने के प्रतिबंधित किया गया था। इस आदेश को ताक पर रखते हुए नारायण दुबे ने अपने पुत्र नवीन दुबे को तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष के सहयोग से नियोजित कराया था, जबकि उक्त कार्यवाही म0प्र0 नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 97 के प्रतिकूल है। नारायण दुबे के कारनामें यहीं पर विराम नही लेते है प्रतिबंध के बावजूद नारायण दुबे ने जुलाई 2017 में चिल्ड्रन पार्क में श्रमिकों का नियोजन करके बिना सक्षम स्वीकृत प्राप्त किये श्रमिकों के वेतन का भुगतान कराया है जो नारायण दुबे की स्वेच्छाचारिता को द्योतक है।

28 वर्षों से जमे हैं दुबे :

नारायण दुबे 28 वर्षो से नगर पालिका उमरिया में जमे हुए है जबकि उनके विरूद्ध जा.प्र. 678/2016 के अंतर्गत भारी भ्रष्टाचार किये जाने संबंधी जांच लोकायुक्त रीवा की टीम कर रही है। प्रबंधन के माहिर भ्रष्ट स्वच्छता निरीक्षक नारायण दुबे का नगर पालिका में इस कदर दबदबा है कि उन्हें समय समय पर मुख्य नगर पालिका अधिकारी का प्रभार मिलता रहता है, जबकि माननीय उच्च न्यायालय जबलपुरके निर्देशानुसार मुख्य नगर पालिका अधिकारी का प्रभार उसी कर्मचारी को दिया जा सकता है जिसकी पदोन्नति मुख्य नगर पालिका अधिकारी के पद पर किये जाने का विचार करना सभव हो। नारायण दुबे द्वारा दिनांक 04.10.2017 को जल प्रदाय शाखा में सुधार कार्य से संबंधित 15 लाख 13 हजार 482 रूपये के भुगतान हेतु नोटशीट प्रस्तुत की गई। यह सारा भुगतान दि पावर इलेक्ट्रिकल एण्ड गुडस रिपयर्स उमरिया के किया जाना था, विदित हो यह वही फर्म है जो पी.एच.ई. विभाग अनुपपुर में शासकीय कर्मचारियों की मिलीभगत से किये गये करोडो रूपयें के पंप सुधार घोटाले की आरोपी हैं। विडंबना है उमरिया नगर की जनता के कार्यो के लिए नगर पालिका परिषद कर्मचारियों की कमी का रोना रोती है जबकि नारायण दुबे के कुत्तां के टहलाने के लिए परिषद के कर्मचारी सुबह शाम मुस्तैद रहते है। प्रतीत होता है कि नगर पालिका के प्रशासक व कलेक्टर जिला उमरिया भी नारायण दुबे पर लगाम लगाने में स्वंय को असमर्थ पा रहे है या पक्ष विपक्ष में भारी प्रभाव रखने वाले नारायण दुबे के समक्ष स्वंय को असहाय महसूस कर रहे है।

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