आनंद श्रीवास्तव कर रहा भ्रष्टाचार का तांडव

मामला चंदिया नगर में ब्याप्त भ्रष्टाचार का

उमरिया। चंदिया नगर परिषद में आनंद श्रीवास्तव कि सीएमओ पद पर पदस्थापना होने के बाद परिषद में भ्रष्टाचार के प्रकरण सामने आने की रफ्तार बुलेट ट्रेन से भी ज्यादा हो गई है। मामला 15 में वित्त की राशि के दुरुपयोग का है सीएमओ आनंद श्रीवास्तव ने शासन की अनुमति लिए बिना तथा प्रशासक को अंधेरे में रखकर व्यापक पैमाने पर 15वें वित्त की राशि का मनमाना उपयोग किया है। व्हाउचर क्रं. 233/15.3.2022 व 234/15.03.2022 के माध्यम से माह फरवरी के नियमित व दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के वेतन का भुगतान 15 वें वित्त की राशि से किया गया। नियमानुसार 15 वें वित्त की राशि का उपयोग वेतन भुगतान नहीं किया जा सकता है। 15 वें वित्त से वेतन भुगतान हेतु प्रशासक से स्वीकृति भी प्राप्त नहीं की गई है।

बग़ैर प्रशासक के स्वीकृति राशि से ज्यादा किया भुगतान :

व्हाउचर क्र. 248/28.03.22 के माध्यम से अवधिया कंसल्टेंसी एन्ड टेस्टिंग लेबोरेटरी रामपुर सतना को स्वीकृति राशि बीस हजार के स्थान पर तेईस हजार रुपये का भुगतान किया गया। नियमानुसार स्वीकृति राशि से ज्यादा की राशि का भुगतान नहीं किया जा सकता है। व्हाउचर क्रं. 203/08.02.22 के माध्यम से निकाय में कचरा वाहनों हेतु टायर खरीदी का भुगतान 15 वें वित्त की राशि से किया गया है। जबकि इस तरह के कार्य हेतु शासन के कोई स्पष्ट निर्देश नहीं हैं, साथ ही भुगतान हेतु प्रशासक से भी स्वीकृति नहीं ली गई है। व्हाउचर क्रं.204/08.02.22 के माध्यम से निकाय में मडपम्प हेतु टायर खरीदी का कार्य 15 वें वित्त की राशि से शासन के निर्देशों के विरुद्ध प्रशासक की अनुमति के बिना किया गया।

गंठजोड़ कर सरकारी ख़ज़ाने से लूट :

तक़रीबन एक करोड़ रुपये से अधिक की 15 वें वित्त की राशि का दुरुपयोग हुआ है। निकाय में खरीदे गए फायर वाहन की प्रक्रिया में भी सीएमओ आनंद श्रीवास्तव एवं इंजीनियर राजन चतुर्वेदी ने मिलीभगत से भारी भ्रष्टाचार किया है। निकाय में कार्यरत एक कर्मचारी का कहना है कि निकाय में क्रय किए गए फायर वाहन की कीमत 19 से 22 लाख रुपये है, जबकि सीएमओ व इंजीनियर ने सप्लायर से सांठगांठ कर बाजार मूल्य से अधिक मूल्य पर 26.50 लाख रुपये से अधिक की राशि से फायर वाहन की खरीदी की गई है। तथा अतिरिक्त राशि की आपस में बंदरबांट कर ली गई।

आवास देने के एब्ज में वसूली ! :

शासन के महत्वकांक्षी पीएम आवास योजना के लाभ पहुंचाने में भी अनियमितताओं के आरोप है, कर्मचारी का यह भी कहना है कि इंजीनियर राजन चतुर्वेदी व सीएमओ आनंद श्रीवास्तव द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना में लाभ देने हेतु पैसे लिए जाते हैं, और पैसे ना देने वालों को परेशान किया जाता है। नगर के जागरूक नागरिकों का कहना है, कि वे सीएमओ द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की जांच ईओडब्ल्यू से कराए जाने पर विचार कर रहे हैं। विदित हो यह वही आनंद श्रीवास्तव है, जिन्होंने नगर परिषद खांड जिला शहडोल में अपने कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार की कीर्ति पताका फहराई थी। भ्रष्टाचार के भस्मासुर बन चुके आनंद श्रीवास्तव द्वारा नगर परिषद खांड में किए गए भारी भ्रष्टाचार का खुलासा हम अपने अगले अंक में करेंगे।