कुरुद नगर में फल फूल रहा अवैध कॉलोनी के व्यापार।

कुरुद:-नगर में धड़ल्ले से अवैध कॉलोनी काटी जा रही हैं। प्रशासन की मौन स्वीकृत के चलते कॉलोनी का नक्शा तथा डायवर्सन पास कराए बिना ही मनमाने तरीके से प्लाट बेचे जा रहे हैं। कॉलोनाइजर बिना पंजीयन के ही यह काम कर रहे हैं। जहां सरकारी खजाने को चपत लगाई जा रही है। वहीं, कॉलोनाइजरों के झांसे में फंसने के बाद लोगों को कॉलोनी में सुविधा नहीं मिलती, जिससे वे परेशान होते हैं।

गत कई सालो से नगर में कालोनियों को कारोबार धड़ल्ले से फल-फूल रहा है। राजस्व विभाग के कर्मचारियों और प्रॉपर्टी डीलरों की सांठगांठ से खेती की जमीन औने पौने-दामों पर खरीद कर अवैध कॉलोनी काटी जा रही है। भू-माफियों के जाल में फंस कर प्लॉट लेने वाले उपभोक्ता इनके झांसे में आ जाते हैं। शहर में अवैध कालोनियों का कारोबार काफी जोरों पर है। अवैध रूप से नगर में फल-फूल रहे कॉलोनियोें के धंधे से कालोनी व्यापारियों की पौ बारह होने के साथ सरकारी खजाने को लाखों की चपत लग रही है। वहीं, इस संबंध में प्रभारी अधिकारी नगर पंचायत कूरुद, दीपक खरे का कहना है कि जांच कर नगर में अवैध रूप से कालोनी काट रहे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। कई कालोनाइजर को पूर्व में नोटिस जारी किया गया है,जिसका जवाब नही आया है,अंतिम नोटिस जारी किया गया है,उच्चाधिकारियों को भी सूचित किया गया है, जल्द कालोनाइजर पर एफआईआर दर्ज करने कार्यवाही की जावेगी।

क्या है कॉलोनी काटने के नियम?

नगर में जहां भी नवीन कॉलोनियां काटी जा रही हैं, उनका सबसे पहले राजस्व विभाग में डायवर्सन होना चाहिए, लेकिन कॉलोनाइजर रजिस्ट्रेशन फीस से बचने के चक्कर में डायवर्सन नहीं कराते हैं। जिससे राजस्व की चोरी खुलेआम की जा रही है।

कॉलोनी में नियमावली के अनुसार पक्की रोड, नाली, पानी की सुविधा, बिजली, खंभों पर स्ट्रीट लाइटें, पार्क आदि की सुविधाएं होनी चाहिए। मगर कॉलोनाइजर खेतों में कच्ची रोड डालकर प्लाट काट देते हैं। बैनामा के दौरान भी उपपंजीयक आफिस में यह लिखा जाता है कि जांच उपरांत जमीन बंधक नहीं पाई गई है। पर सर्विस प्रोवाइडर और रजिस्ट्रार इस पर कतई ध्यान नहीं देते हैं।

नगर पंचायत के पास नहीं है कॉलोनियों का रिकॉर्ड

नगर पालिका के पास कॉलोनियां काटने के लिए अधिकतर व्यक्ति द्वारा लाइसेंस नहीं लिया गया है। कॉलोनाइजिंग एक्ट के तहत किसी भी जमीन मालिक ने नियम का पालन नहीं किया, जबकि नगर पंचायत की बिना अनुमति नगरीय क्षेत्र में कॉलोनी नहीं काटी जा सकती।

अवैध कॉलोनियों के कारण नगर पंचायत को संपत्ति कर के रूप में हर साल लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है। खास बात यह है कि अवैध कॉलोनी काटने वालों के खिलाफ कार्रवाई न होने की वजह से नगर के कई इलाकों में अवैध रूप से प्लाटिंग की जा रही है। जिससे कृषि योग्य जमीन को भी कॉलोनी में परिवर्तित कर दिया गया है।