चंदौली- अपने कारनामों से लगातार चर्चा में रहे निलंबित कोतवाल, बीजेपी में बना चुके हैं पैठ, विधायक जी का है आशीर्वाद

अपने कारनामों से लगातार चर्चा में रहे निलंबित कोतवाल, बीजेपी में बना चुके हैं पैठ, विधायक जी का है आशीर्वाद

संवाददाता कार्तिकेय पाण्डेय�

चंदौली- जनपद में पुलिस की दबिश के दौरान 1 मई को युवती की मौत हो गई थी इसी मामले में निलंबित किए गए गैर इरादतन हत्या के आरोपी इंस्पेक्टर उदय प्रताप सिंह अपनी तरह-तरह के कारनामों की वजह से इससे पहले भी कई बार सुर्खियों में रह चुके हैं। और कई बार इनके पर गाज गिर चुकी है। आपको बताते चलें कि 2005 बैच के सब इंस्पेक्टर उदय प्रताप सिंह को वाराणसी में तैनाती के दौरान सितंबर 2020 में तकालीनएसएसपी अमित पाठक ने लाइन हाजिर कर दिया था। उस समय यह वाराणसी के भेलूपुर थाने के कोतवाल रहे इंस्पेक्टर पर एक महिला के मोबाइल और रुपए चोरी होने के मामले में एफ आई आर नहीं दर्ज करने का आरोप था। जिसमें एसएसपी ने उदय प्रताप सिंह की विभागीय जांच कराने का भी आदेश दिया था।

*बीजेपी के बड़े नेताओं से इंस्पेक्टर साहब की करीबी*
वाराणसी जिले में तैनात रहने के दौरान इंस्पेक्टर उदय प्रताप सिंह की विभिन्न कार्यालयों को लेकर लगातार अक्सर सवाल ही उठते रहते थे। और अभद्र तरीकों से बातचीत करने के लिए भी वह चर्चित है पुलिस लाइन में ड्यूटी के दौरान ही इस्पेक्टर उदय प्रताप सिंह का तबादला चंदौली जिले के लिए हो गया। जिसमें खास बात यह रही कि इंस्पेक्टर उदय वाराणसी में तैनाती के दौरान पुलिसकर्मियों के सामने भाजपा के बड़े नेताओं से अपनी करीबी जग जाहिर करने का कोई मौका नहीं छोड़ते थे।

*विधानसभा चुनाव में भी इंस्पेक्टर ने कराई थी किरकिरी*
वाराणसी से चंदौली जनपद में ट्रांसफर होने के बाद इंस्पेक्टर उदय प्रताप सिंह को बलुआ थाना के थाना अध्यक्ष के पद पर तैनात किया गया था। जिसको लेकर बताया जाता है कि उन्होंने उस समय मुगल सराय थाने के थाना अध्यक्ष की कुर्सी पर आसीन होने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाया था। और एक विधायक ने भी उनके जबरदस्त पैरवी की थी मगर बात नहीं बन पाई थी और अंततः उन्हें बलुआ थाने की कमान संभालनी पडी़। इसके बाद सितंबर 2021 में इंस्पेक्टर उदय प्रताप को सैयदराजा थाना प्रभारी के पद पर तैनात किया गया। आपको बताते चलें कि अभी बीते विधानसभा चुनाव के दौरान कोतवाली क्षेत्र के सीधना गांव में पंचायत भवन में शराब और बकरा पार्टी आयोजित करने वालों को सपा प्रत्याशी ने पकड़ा था। जिसकी सूचना स्पेक्टर उदय प्रताप को दी गई थी लेकिन वह आयोजक को थाने ले गये। जहां आरोप लगाया गया कि इंस्पेक्टर उदय प्रताप सिंह ने बिना कार्रवाई के बगैर आयोजक को थाने से ही छोड़ दिया गया। इसको लेकर चंदौली जिले में उस समय पुलिस की खासी किरकिरी हुई थी। चुनाव के दौरान इंस्पेक्टर उदय प्रताप पर इस तरह के कई आरोप हैं सपा प्रत्याशी उदय प्रताप सिंह ने लगाया था।

*अभी भी एक विधायक के करीबी माने जाते हैं इंस्पेक्टर उदय*
सैयद राजा थाने में तैनात रहने के दौरान भी इंस्पेक्टर उदय प्रताप की करीबी एक भाजपा विधायक से जगजाहिर थी। चंदौली के पुलिस महकमे के कर्मचारी भी कहते थे कि विधायक जी के आशीर्वाद से इंस्पेक्टर उदय को शहीद राजा जैसा महत्वपूर्ण थाना संभालने के लिए मिला हुआ था। इसी वजह से विधायक जी की हर छोटी-बड़ी बात का पालन इंस्पेक्टर उदय सरकारी आदेश की तरह करते थे। रविवार की शाम इंस्पेक्टर उदय प्रताप सिंह ने सूझबूझ का परिचय नहीं दिया और उनकी करतूतों पर भारी पड़ गई इसके चलते वह विभागीय कार्रवाई के साथ ही गैर इरादतन हत्या के आरोपी भी हो गए और पूरे महकमे की किरकिरी अलग से हुई।

*बवाल के बाद भी फोर्स के साथ नहीं पहुंचे इंस्पेक्टर*
कोतवाली क्षेत्र के महाराजपुर गांव में निशा यादव उर्फ गुड़िया की मौत के बाद ग्रामीण आक्रोशित होकर सड़क पर उतर गए थे उन्होंने जाम लगाकर वाहनों में तोड़फोड़ शुरू कर दी थी इसी बीच सड़क पर मिले एक सिपाही और एक होमगार्ड को ग्रामीणों ने जमकर पीटा उनकी बाइक भी क्षतिग्रस्त कर दी थी बताया जाता है कि ग्रामीणों के उग्र प्रदर्शन के बाद भी इंस्पेक्टर उदय प्रताप सिंह फोर्स से लेकर स्थिति नियंत्रित करने के लिए समय से घटनास्थल पर नहीं पहुंचे। डीएम एसपी भारी फोर्स लेकर गांव पहुंचे और उग्र ग्रामीणों को किसी तरह से शांत कराया आला अफसरों ने इंस्ट्रक्टर रुद्र प्रताप सिंह की इस लापरवाही के लिए भी उन पर गहरी नाराजगी जताई कहा कि थानाध्यक्ष होने के कारण उन्हें तत्काल घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास करते हुए अपने उच्चाधिकारियों को सूचना देनी चाहिए थी।