एफपीओ बनाकर शहद उत्पादन करके आत्मनिर्भर होगे 125 मधुमक्खी पालक: डॉक्टर जगदीश किशोर

थरियांव/फतेहपुर ,आत्मनिर्भर भारत अभियान के अन्तर्गत चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय कानपुर द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र थरियांव फतेहपुर में सात दिवसीय मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल किसानों को मधुमक्खी पालन की प्रायोगिक जानकारी दी गई। डॉक्टर जगदीश किशोर और मधुमक्खी पालक वसीक खान ने सभी को मधुमक्खी बॉक्स के प्रबंधन, रोग और शत्रु कीटो से बचाने के उपाय, प्रयोग आने वाले यंत्रों, मौन वंश के जीवन चक्र, रानी मक्खी, श्रमिक मक्खी, नर ड्रोन, रानी मक्खी सेल, आहार प्रबंधन, सावधानियों और उपचार की जानकारी दी। इस मौके पर अमित कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि मधुमक्खी पालक विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर मधुमक्खी पालन करते हुए आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकते हैं। वहीं सभी ने प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफल बताया। प्रशिक्षु शैलेश ने मधुमक्खी पालन को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होने का अच्छा माध्यम बताया और कृषि विज्ञान केंद्र की इस कार्यक्रम की सराहना की। वही वसीक खान ने कहा कि मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण में बहुत सी जानकारियां दी गई जो उपयोगी साबित होंगी। कार्यक्रम संयोजक डॉक्टर जगदीश किशोर ने बताया कि सभी मधुमक्खी पालक समूह में शहद उत्पादन करें।125 लोग मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण कार्यक्रम में हिस्सा लिया है जिन्हे मौन बॉक्स भी दिए गए हैं। जनपद के कई ब्लॉक के लाभार्थी इस समय मधुमक्खी पालन से जुड़े हैं। सभी को एफपीओ से जोड़ा जाएगा और शहद उत्पादन की बिक्री में सहयोग किया जायेगा। मधुमक्खी पालन से फसल उत्पादन में वृद्धि होती है। इस मौके पर शैलेश कुमार, आयुष श्रीवास्तव, विकास श्रीवास्तव, आयुषी, धर्मेंद्र कुमार, सुरेंद्र कुमार, संजय पटेल, आशीष तिवारी, मनीष मौर्य समेत सभी प्रशिक्षु शामिल रहें।