फतेहपुर हमीरपुर के प्रगतिशील किसानों ने किसानों की आय वृद्धि का खींचा खाका

गोहांड तुलसी प्रोड्यूसर कंपनी ने किया किसानों को सम्मानित

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से किसानों को दिलाया गया लाभ

औषधीय व सगन्ध फसलों, मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन, बागवानी व सब्जी उत्पादन में अपने अनुभवों को साझा किया

कृषि क्षेत्र में नवाचारों को सीखने के लिए आजकल किसान उत्साहित रहते हैं। किसानों में तकनीक और कृषि पर्यटन का रुझान बढ़ा हैं। एक प्रगतिशील किसान अपने अनुभवों और ज्ञान से अनेकों किसानों का भला कर सकता है। इसी क्रम में फतेहपुर के प्रगतिशील किसानों ने प्रगतिशील किसान कुलदीप शर्मा के नेतृत्व में राठ हमीरपुर के किसानों के साथ कृषि नवाचारों और किसानों की आय वृद्धि को लेकर गहन मंत्रणा की। औषधीय पौधों की खेती, जल प्रबंधन, मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन, डेयरी उद्योग , जैविक खेती, प्राकृतिक खेती, शाक भाजी उत्पादन , मत्स्य पालन,व बागवानी उत्पादन, में वृद्धि के लिए फतेहपुर और हमीरपुर के किसानों ने साझा प्रयास शुरू किया। गोहांड तुलसी प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड की तरफ से चेयरमैन रघुवीर सिंह ने बताया कि उनकी कंपनी ने लगभग एक सैकड़ा किसानों को खरीफ फसल बीमा योजना का लाभ दिलाया गया है। तुलसी, लेमनग्रास, कैमोमाइल की खेती किसान उत्पादक कंपनी के किसानों द्वारा बड़े पैमाने पर की जा रही है। मधुमक्खी पालन करते हुए उनके साथ किसानों ने शहद बिक्री से अतरिक्त आमदनी पाई है। कंपनी के डायरेक्टर मिथुन ने रेड लेडी पपीता उत्पादन के द्वारा किसानों की आय वृद्धि का एक नया मॉडल दिखाया है। मत्स्य पालन और कड़कनाथ मुर्गा बिक्री करके किसान हरिश्चंद्र ने किसानों के बीच जिले मे अलग पहचान बनाई है। फतेहपुर के अग्रणी जैविक खेती करने वाले प्रगतिशील किसान वीरेंद्र यादव ने बताया कि प्राकृतिक व जैविक खेती में पशुपालन का बहुत महत्त्व है। मेहनत थोड़ी ज्यादा हैं और लागत घटाने से आय वृद्धि होती है। जहरमुक्त भोजन सभी की प्राथमिकता होनी चाहिए। सोलर पंप द्वारा सिंचाई और बागवानी सहित शाकभाजी उत्पादन कर जैविक खेती में अधिक लाभ मिलता है।सब्जियों की खेती में बाजार और मौसम पूर्वानुमान का बहुत महत्व होता है यह कहते हुए खदरा निवासी कुलदीप शर्मा ने प्रबंधन के द्वारा सब्जी उत्पादन मे आय वृद्धि की बात कही। उन्होंने पत्तागोभी, फूलगोभी, मिर्च, लहसुन उत्पादन की बारीकियां बताई। वहीं फतेहपुर के रघुनाथपुर निवासी मशरुम उत्पादक किसान जयपाल ने बताया की आज के समय में स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होने के कारण मशरूम के उपभोग बढ़ने के कारण मशरूम कम समय में अधिक आय दे सकता है। उन्होंने मशरुम उत्पादन में सफल होने की तकनीक साझा की।वहीं औषधीय व सगंध पौधों की खेती करने वाले किसान अमित श्रीवास्तव ने बताया की जंगली व अन्ना जानवरों से इन फसलों को कोई नुकसान नहीं होता। रोग बीमारी भी कम लगने के कारण देखरेख भी कम लगती है। जलभराव और सूखा प्रभावित इलाकों में भी कई फसलों की खेती से बढ़िया आय प्राप्त की जा सकती है। तुलसी, अश्वगंधा, सतावर, कैमोमाइल, लेमनग्रास, अकरकरा की बाजार में अच्छी मांग रहती है। सीईओ अजयपाल सिंह, ऑनियन मैन ऑफ बुंदेलखंड राजेंद्र सिंह, लेमनग्रास व पामरोसा उत्पादक किसान श्याम सुन्दर राजपूत, एफपीओ के लेखाकार रक्षपाल सिंह राजपूत, धूराम, जितेंद्र सिंह, रामसिंह, हरनारायण आदि प्रगतिशील किसान मौजूद रहें।