बेटियों ने बड़े पिता की अर्थी को दिया कंधा, दी मुखाग्नि

भीम से दुर्गाप्रसाद सिंघानिया की रिपोर्ट
राजसमंद 01 फरवरी मंगलवार कहते है कि अब बेटिया अबला नहीं सबला है। बेटिया भी बेटो से कम नहीं। वैसे तो आम तौर पर अर्थी को कंधा एवं शव को मुखाग्नि देने जैसे वाकये शहरों में ही देखने को मिलते है। परन्तू मंगलवार को एसी सकारात्कम घटना उपखण्ड के समीपस्थ छोटे से गाँव शाहपुरा में देखने को मिली। उपखण्ड के समीपस्थ शाहपुरा निवासी नेना राम बालोटिया का मंगलवार को निधन हो गया। नेना राम के कोई पुत्र नहीं है। वैसे तो ग्रामीण परिवेश में रूढियो के चलते अर्थी को कंधा पुरूष ही देते है। परन्तु नेना लाल के निधन पर समाज के मौतबिरान एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बेटी का हौसला बढ़ाया। तो बेटियों ने भी आगे होकर ग्रामीण रूढिवादियों को किनारा करते हुए हिम्मत जुताई। मृतक नैना लाल के साथ ही इनके अन्य भाई के भी कोई पुत्र नहीं है। मंगलवार को मृतक नेना लाल को पुत्री कमला भतीजी मंजू कनिष्ठ सहायक सुनिता राजेश (लड़की) एवं पूजा ने अर्थी को कंधा दिया। और तो और दो भाईयो की 06 बेटियों ने अपने दिवंगत पिता व बड़े पिता की अर्थी को घर से मुक्तिधाम तक ना सिर्फ कंधा दिया बल्कि मुखाग्नि भी दी। इस दौरान समाज के लोगो ने भी बेटियों के हौसले की तारीफ की। वही घटनाक्रम आस पास के गाँवो में भी चर्चा का विषय बना रहा।