भ्रष्टाचारी को सौंपा लेखापाल का प्रभार

नगर परिषद चॅदिया का है मामला।

उमरिया। नगर परिषद चॅदिया में तत्कालीन सी.एम.ओ. सुश्री रीना राठौर के कार्यकाल में व्यापक पैमाने पर हुए भ्रष्टाचार के आधार स्तंभ कहे जाने वाले राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता को लेखापाल का प्रभार पुनः सौप दिया गया है। विदित हो कि राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता सहायक ग्रेड 3 को कार्यालय कमिश्नर शहडोल संभाग शहडोल के पत्र क्रमांक / एफ- 23-20/ तीन / 1 / स्था./ 2020 / 3907 के द्वारा तत्कालीन मुख्य नगरपालिका अधिकारी नगर परिषद चॅदिया सुश्री रीना राठौर व उपयंत्री के साथ मिलीभगत कर चौबीस लाख छियालिस हजार सात सौ सत्ताईस रूपये की राशि के गबन का दोषी पाया गया था तथा राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता को निलंबित कर दिया गया था। इस प्रकरण में तत्कालीन प्रशासक नगरपरिषद चॅदिया द्वारा राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता को आरोप पत्र जारी करते हुए लेखाकार्य से पृथक कर दिया गया था। वर्तमान में राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता उच्च न्यायालय से निबंलन के विरूद्ध स्थगन आदेश पर चल रहे है।

दिशा निर्देशों को ताक में रख किया भुगतान :

ये वही राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता है जिन्होंने दिनांक 30/09/2019 से 15/10/2019 के मध्यवर्ती अवधि में शासन प्रशासन के दिशा निर्देशों को दर किरान करते हुए रजनीश ट्रेडर्स विकटगंज उमरिया को नब्बे लाख रूपये की राशि का भुगतान किया था। संयुक्त संचालक स्थानीय निधि संपरीक्षा रीवा द्वारा वित्तीय वर्ष 2019-20 के संपरीक्षा प्रतिवेदन में लेख किया है कि निकाय के दो करोड़ रूपये से अधिक राशि के व्हाउचर गायब है, जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता की है ।

राशि लौटाने बजाय किया हजम :

नगरपरिषद चंदिया ने वर्ष 2018-19 में प्रस्ताव पारित किया था कि गहरवार कन्स्ट्रक्सन उमरिया का कार्य गुणवत्ताहीन होने के कारण उक्त फर्म की एफडीआर का भुगतान न किया जाय किन्तु नियम कानूनों और वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों को जूते की नोक पर रखने वाले राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता ने परिषद का अनुमोदन प्राप्त किये बिना ही गहरवार कन्स्ट्रक्सन की एफडीआर प्रशासक की आँख में धूल झोक कर मुक्त करवा दी। चॅदिया नगरपरिषद के भ्रष्टाचार के मगरमछ कहे जाने वाले राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता के कारनामे यही पर विराम नही लेते है वर्ष 2018-19 में अधोसंरचना एवं विकास कार्यों हेतु साठ लाख रूपये की राशि नगरपरिषद चॅदिया को प्राप्त हुई थी। बाद में योजना शासन द्वारा रद्द कर दी गई थी किन्तु राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता ने शासन को राशि लौटाने के स्थान पर फर्जी बिल लगाकर साठ लाख रूपये की राशि हजम कर ली। ऐसे कार्यों की एक लंबी फेरहिस्त हैं, जिनमें बिना तकनीकी स्वीकृति प्राप्त किये कराये गये निर्माण कार्यों का भुगतान राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता के द्वारा किया गया है।

जहां मिला वहां किया सफाया :

नगरपरिषद चॅदिया को हयूम पाइप की आपूर्ति करने वाली फर्म शक्ति कन्स्ट्रक्सन डिडौरी को आपूर्ति की गई संख्या के अनुपात से दो गुनी राशि का भुगतान किया गया है। राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता ने अतिशयोक्ति की पराकाष्ठा पार कर नगरपरिषद चॅदिया के स्थाईकर्मियों को माह दिसम्बर 2021 के वेतन का दो बार भुगतान कर दिया है। नगरपरिषद चॅदिया में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार कर राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता ने अनापशनाप सम्पत्ति एकत्र कर रखी है। यदि ईओडब्ल्यू और लोकायुक्त जैसी संस्थाओं से जॉच करावाई जाये तो भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता के ऊपर आय से अधिक सम्पत्ति का मामला दर्ज हो सकता है।

तो क्या वरिष्ठ अधिकारियों का है!संरक्षण :

सूत्र बताते है राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता पर वर्तमान प्रशासक अशोक ओहरी का वरदहस्त है अशोक ओहरी ने राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता के कृत्यों से भिज्ञ होने के बावजूद लोकहित पर अपने चहेते राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता के हितों को तरजीह देते हुए उन्हे लेखापाल का प्रभार सौपा है, भ्रष्टाचारी राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता को लेखापाल का प्रभार दिये जाने से चॅदिया नगर की जनता में रोष व्याप्त है। कलेक्टर जिला उमरिया संजीव श्रीवास्तव के लिखित में शिकायत देकर राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता के विरूद्ध कार्यवाही की मांग की गई है। देखना यह है कि कलेक्टर जिला उमरिया वर्तमान प्रशासक के चहेते राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता के विरूद्ध कोई कार्यवाही करते है, या राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता को नगर परिषद चॅदिया में भ्रष्टाचार का विजय रथ निर्बाध चलाते हुए भ्रष्टाचार के युग की वापसी का अभयदान प्रदान करते है।