बिहार पुलिस अधिकारी�को आप सड़क पर देखतेे हैं तो कतरा कर निकलक जाना चाहतेे�हैं । लेकिन बिहार के पूलिस अधीक्षक कुमार आशीष( अपराध एवं मुख्यालय )

रात को आँखो में नीद नहीं, ना दिल मे करार,
ये मोहब्बत नही, खाकी की नौकरी है मेरे यार।

पुलिस वाला होना कोई आसान बात नहीं है।
सारे ख्वाब दिल मे दफनाने पड़ते है।

पत्थर खाकर भी खड़ा रहा,
वो लहू बहाकर अड़ा रहा,
गोली खाकर जो पड़ा रहा,
वो कब कैसे मर जाता है।
कोई कब रोया तुम क्या जानो .

यूवाओ के�प्रेरणा स्रोत बनतेे जा रहे�कुुुुुमार आशीष��

इन्हें लेकर हैं उत्साह ।�

कूमार आशीष के सुनने के बाद हर कोई चाहता हैं उनसे मिलना सोशल साइट पर हजारो कमेंट जिसमे उनके कामो की��सराहना ।

मोतिहारी,��बिहार पुलिस अधिकारी�को आप सड़क पर देखतेे हैं तो कतरा कर निकलक जाना चाहतेे�हैं ।

लेकिन बिहार के पूलिस अधीक्षक कुमार आशीष( अपराध�एवंं��मुख्यालय )इस अवधारण को तोड़ रहे हैं । हालत ये�है कि निरीक्षण के दौरान भी युवा उनसे शिक्षा संबंधित सवाल पूूूूछने से कतराते नहीं और उसी�संजीदगी से ज्वाइंट सीपी यूवाओ के जीज्ञासा को शांत भी करते हैं। सच यही हैं कि ज्वाइंट सीपी (कुमार आशीष) �एक रूप शिक्षक वाला है ,जो युवाओ ,बच्चो को रोज उनकी जीवन शैली और भविष्य की तस्वीर �संवारने की प्रेरणा देते हैं ।
चाहे वह शिक्षा हो नशा मुक्ति या सामाजिक घटनाओं की बात ,पुलिसिंग के अलवा इस और भी उनका ध्यान रहता हैं ।
ये एक सुखद आश्चर्य हैं �क्योंकि �लोगों का अनुभव पुलिस को लेकर अब तक अच्छा नहीं रहा हैं। लेकिन वो इस तिलस्म को तोड़ ही नहीं रहे�

सोशल साइट पर रहते हैं एक्टिव�
कुमार आशीष ।

इसके पीछे की वजह उन सवालो को ढूंढना , जो उनसे अछूते हो और फिर उस सवाल निस्तारण �जो आमजन को प्रभावित करता हो । और इसके अलावा युवाओ को मोटिवेट करना । और सही गलत का फर्क बताना । कानून संबंधित के साथ ही ये बताना कि लोगों की सामाजिक जिम्मेदारी क्या है।�

फ़रियादी के लिए समय तय�

इन तमाम व्यवस्थाओं �के बाद भी वह फरियादो के लिए दो घंटे सुरक्षित रखते हैं । क्योंकि ये उनकी प्राइम ड्यूटी हैं । अगर किसी के कारण दफ्तर मैं मौजूद न रहे तो उन शिकायतों को �न केवल पढ़ते हैं बल्कि उसी वक्त संबंधित अधिकारी को निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई करने का आदेश देते हैं ।इतना ही नहीं संबंधित मामलो का फीडबैक भी लेते हैं । सच ये भी हैं की थाने से ज्यादा शिकायत उनके दफ्तर तक �पहुंचती हैं। �शायद लोगों को कुमार आशीष से उम्मीदें �ज्यादा हो ।�

पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष अगर निरिक्षण के दौरान अगर सड़क पर दिख जाइए तो उनसे किसी ना किसी विषय पर चर्चा छेड़ देते हैं । जो इनसे मिलता हैं उसके बाद उसका जवाब यही रहता हैं यह विरल अधिकारी ,जो युवाओं ,बच्चो और जरूरतमंदों से जुड़ते हैं । वह किसी भी मुद्दे पर डिस्कस करने से नहीं कतराते हैं ।�

आज �पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष जैसे इमानदार आईपीएस अफसर होने से देश के युवाओं को बच्चों को उन पर गर्व है ।