कानपुर(केपी बालाजी अवस्थी)बोटों की राज नीत मे पिस गया युवक

*युवक का गंगा जी मे हुआ अन्तिम संश्कार*
▫️गांव बनी छावनी कई थानों की पुलिस सहित पीएसी बल भी रहा तैनात.....
▫️गांव के कुछ नेताओं सहित सत्ता धारी पार्टी पर परिजनों ने उठाए सवाल.....
घाटमपुर! कानपुर साढ़ थाना क्षेत्र के गोपालपुर नर्वल गांव निवासी गल्ला ब्यापारी के साढ़ थाने के अन्दर जहर खा लेने से हुई मौत मे आज ब्यापारी का शव पुलिस के सामने अन्तिम संश्कार हेतु ढ्योढ़ी घाट गंगा जी ले जाया गया जहां पर हिंदू रीति रिवाज के अनुसार ब्यापारी का अन्तिम संश्कार कर दिया गया गांव मे तनाव के माहौल को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात है
बताते चले कि साढ़ थाना क्षेत्र के अंतर्गत गोपालपुर नर्वल गांव निवासी अरुण कुमार गुप्ता उर्फ कतन्ना ४९ वर्ष के घर से बीती बुधवार गेंहू की बोरी चोरी हो गयी थी जिसकी अरुण ने लिखित शिकायत साढ़ थाने मे की थी वही पीड़ित के परिजनों ने साढ़ पुलिस पर आरोप लगाते हुए बताया था कि साढ़ पुलिस ने रिपोर्ट लिखाने गए युवक को मार पीट कर लाक अप मे बंद कर दिया इस दौरान उसे तरह-तरह से प्रताणित किया गया व देर रात तक लाक अप मे रखने के बाद उसे पुलिस की गाड़ी से घर भेजा गया जहां परिजनों के सामने युवक को ब्यंग भाषा से गाली गलौच कर अपमानित किया गया जिससे आहत होकर युवक अरुण ने देर रात घर मे खाना पीना नहीं खाया था साथ ही पुलिस के द्वारा हुए अपमान के विषय मे सोचता रहा था
पड़ोसियों के अनुसार देर रात्रि उसने घर पर लगे एक पार्टी झंडे भी तोड़ दिए परिजनो के अनुसार उसका कहना था कि हम जिनके लिए जान देने को तैयार रहते हैं आज उन्ही लोगों हमे नीचा दिखा दिया और शुक्रवार सुबह वह साढ़ थाने परिसर में पहुंच कर पहले से आहत युवक ने पुलिस के सामने ही जहरीला पदार्थ खा लिया जिससे कुछ ही देर मे उनकी हालात बिगड़ने लगी जिस पर साढ़ पुलिस ने आनन फानन में युवक को सीएचसी भीतरगांव लेकर पहुंचे जहां से डाक्टरो ने हालत को गंभीर बताते हुए कानपुर जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया है जहां इलाज के दौरान युवक की मौत हो गयी थी
पत्नी ने बताया कि दीपावली के समय पड़ोस के ही दो लोग ने नशे की हालत में युवक के घर में घुसकर अरुण वह उसके परिवार के सभी सदस्यों के साथ मारपीट की थी जिसमें उसकी एक पुत्री भी सामिल थी जिसमे गांव के कुछ राज नीतिक लोगों ने पहले तो म्रतक की कुछ पैरवी की परंतु बाद मे बोटों की राजनीत समझते हुए म्रतक को टाल मटोल करने लगे क्योंकि जिन लोगों ने घर मे घुस कर मार पीट की थी उनके यहां लगभग पैंतीस बोट हैं और म्रतक के घर मे मात्र तीन बोट हैं बस यही एक आंकड़ा म्रतक को सामने वाले प्रतिद्वंधियों से कमजोर कर दिया वहीं जिनके साथ हमेसा रहा उन्ही लोगों से धोखा मिलने के बाद वह कहीं का नहीं रह गया था गांव के दूसरी पार्टी के लोग भी ब्यंग भाषा मे उससे आए दिन पूंछ तांछ करते हुए अपनी पार्टी का सहारा लेने की बात कह देते जिससे वह गांव के कुछ नेताओं सहित पचासों लोगों से आत्म हत्या कर लेने की बात कहता रहता था संयोग से गुरुवार को एक अन्य मामले मे तीन लोगों को पुलिस थाने ले आई थी जिसके चक्कर मे वह गुरुवार को पुन: थाने पहुंच गया जहां उसने अपने घर मे घुस कर की गयी मार पीट के सम्बंध मे पुलिस से जानकारी लेनी चाही तो पुलिस गाली गलौच मे उतर आयी इसी बात को लेकर म्रतक युवक ने थाने मे ही गांव के एक युवक का नाम लेते हुए कह दिया कि पूरा थाना उक्त नेता ने ही खरीद रख्खा है क्या बस इतना कहते ही पुलिस आग बबूला हो गयी और म्रतक युवक को मार पीट कर लाक अप के अन्दर डाल दिया जिसे देर रात्रि तक थाने के लाक अप मे रख्खा गया साथ ही बाद मे पांच हजार रुपए लेकर छोड़ा गया जिससे वह और भी आहत हो गया सुक्रवार सुबह भी गांव मे कई लोगों से जहर खाकर मर जाने की बात कही परंतु लोगों ने समझाते हुए ऐसा न करने को कहते रहे थे बताते हैं कि म्रतक उक्त गांवके नेता के दरवाजे पहुंच कर भी जहर खाकर मर जाने का एलान कर दिया था परंतु उसके इस बात पर किसी ने ध्यान नहीं दिया जब कि युवक तब से बराबर थाने के चक्कर लगा रहा था युवक इस बात से भी बहुत अधिक आहत था जो आए दिन थाने के चक्कर भी लगा रहा था व जिन राज नैतिक लोगों से उसे उम्मीद थी उनके यहां भी बराबर चक्कर लगा रहा था चारों तरफ से बंद रास्ते देख व पुलिस द्वारा उल्टा उसी के साथ मार पीट करके लाक अप मे बंद कर देने से युवक ने समाज मे खा रहे सामाजिक मार से त्रष्त व अन्य दूसरे पक्ष के लोगों के सामने पड़ने पर ब्यंग्यात्मक भाषा मे यह कहे जाने पर कि अभी तक जिसके साथ थे उन्ही से अपनी पैरवी कराओ से वह और भी दुखी हो गया जिससे उसे चारों ओर से अपने रास्ते बंद नजर आने लगे और समाज मे अपना मुंह दिखाना उचित नही समझा और कई दिनों पूर्व से गांव मे घूम घूम कर कहने के अनुसार सुक्रवार को उसने साढ़ थाने मे जाकर जहर खा लिया और उसकी मौत हो गयी
अब यहां सोचने की बात यह है उत्तर प्रदेश सरकार के परतिनिध बहुत जोरदारी अपराधियों को बक्सा नहीं जाएगा की बात कहने के बाद भी जमीनी हकीकत कुछ अलग सी लग रही है जिसके पास पैंतीस बोट हैं वह सबल और जिसके पास तीन बोट हैं वह निर्बल के चलते ही एक सीधे साधे युवक को अपनी जान गवाने पड़ी क्या यही सरकार की भय मुक्ति योजना है जिसमे रोज दिन मे सैकड़ों बार कहा जाता है कि अपराधियों की जगह जेल मे है उन्हे बक्सा नहीं जाएगा जब कि हकीकत कुछ इस प्रकार की नजर आती है !!