गोदी मीडिया कि रिपोर्ट पढ़ने के बाद लगा कि जज साहब को  परेशानी तो सुर्ख़ियों रहेंगी ही पर मामले जाँच कराने के इलावा  एसपी साहब के तबादला की बात सुर्खियों में क्यों पटना हाईकोर्ट ने बुधवार को

गोदी मीडिया कि रिपोर्ट पढ़ने के बाद लगा कि जज साहब को �परेशानी तो सुर्ख़ियों रहेंगी ही पर मामले जाँच कराने के इलावा�
एसपी साहब के तबादला के बाद सुर्खियों में क्यों

पटना हाईकोर्ट ने बुधवार को मधुबनी के झंझारपुर व्यवहार न्यायालय के ADJ-1 अविनाश कुमार और पुलिस वालों के बीच हुई मारपीट की जांच CID से कराने के आदेश दिए हैं। जस्टिस राजन गुप्ता और जस्टिस मोहित कुमार शाह की खंडपीठ ने राज्य सरकार को गुरुवार तक CID को जांच सौंपने का आदेश दिया है। जांच SP रैंक के अधिकारी से नीचे के अधिकारी से नहीं करवाने को कहा गया है।

कोर्ट द्वारा मधुबनी के SP की कार्यशैली पर भी नाराजगी जताई गई। कोर्ट ने मौखिक रूप से

तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि पावर मिलने का मतलब यह नहीं होता है कि कुछ भी कर सकते हैं। कोर्ट ने माना है कि इस कांड की जांच में मधुबनी पुलिस का हस्तक्षेप नहीं होगा। कोर्ट ने आगे की गई कार्रवाई का रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में पेश करने को कहा है। सीनियर वकील मृग्यांक मौली को कोर्ट ने इस मामले में कोर्ट को सहयोग करने के लिए एमिकस क्यूरी नियुक्त किया है।

कोर्ट का कहना था कि फिलहाल DGP को कोर्ट में आने की�

जरूरत नहीं है, लेकिन जरूरत पड़ने पर बुलाया जाएगा। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के�

महाधिवक्ता ललित किशोर ने मौखिक रूप से कहा कि राज्य में अराजकता जैसी कोई स्थिति नहीं है।

मधुबनी एसपी सत्यप्रकाश और आरोपी पुलिसकर्मी SHO गोपाल प्रसाद यादव और SI अभिमन्यु कुमार।

क्या है मामला
18 नवंबर को जज अविनाश कुमार पर उनके चैंबर में घुसकर ​​​​घोघरडीहा थाने के दो पुलिस पदाधिकारियों SHO गोपाल प्रसाद यादव और SI अभिमन्यु शर्मा ने हमला कर दिया था। जज ने अपनी FIR में कहा था कि SHO और SI ने उनके साथ पहले अभद्र व्यवहार किया। इसके बाद उनके साथ मारपीट की। इसी दौरान थानाध्यक्ष ने अपनी रिवॉल्वर निकालकर उन पर तानते हुए जान से मारने की धमकी भी दे डाली थी।�

जज अविनाश कुमार ने इसी दिन पटना हाईकोर्ट को लेटर भेज पूरी घटना की जानकारी दी थी। इसके बाद शाम 7:30 बजे कोर्ट ने मामले की सुनवाई की और बिहार के चीफ सेक्रेटरी, DGP, गृह विभाग के प्रधान सचिव और मधुबनी SP को नोटिस जारी किया। साथ ही DGP को सील्ड कवर में 29 नवंबर तक स्टेटस रिपोर्ट फाइल करने को कहा था। अब इस मामले पर आगे की सुनवाई आगामी 8 दिसंबर को की जाएगी।

जरा ध्यान दीजिए कि हाई कोर्ट ने कहा था कि जज साहब के चैंबर मैं पुलिस अधिकारियों ने लोडेड हथियार के साथ जज के चैंबर मैं प्रवेश करना मना ही हैं यह सच हैं कि लोडेड हथियार के साथ जज चैंबर मैं प्रवेश करना मना है�

पर आप सूत्र से मान लीजिए कि जज साहब के चैंबर मैं सीसीटीवी फुटेज नहीं हो ने से कया हाई कोर्ट किस आधार पर CID जांच कराकर हाई कोर्ट अपना फैसला ..के आधार पर सूना येगी पाएगी ।

फैसला सुरक्षित तोर पर पूरी कहानी �आप जान चूके इस पूरी खबरें पड़ कर �बस ...मैं आप. ही लगे रहिए �।

और यह सोच कर चलिए कि देश की गोदी मीडिया अखबारो मैं विज्ञापन द्वारा खबरें छपने के बाद उस आधार पर लोग �सच मान कर चल रही हैं आप भी उसी के द्वारा ही खबरो को सच मान कर चलिए और लोकतंत्र के गोदी पत्रकारो के साथ मिलकर बिहार के तबादले पर ही जिक्र करते रहिए इस मस्ती चले चलिए कि कही लगे न कि किसी के परिवार का सदस्य बिहार का सैनिक अस्पताल में एडमिट है उसके परिवार में जो बित रही उसे बितने दीजिए और मजे साथ मिलकर बिहार के तबादले पर जिक्र करते रहिए यही आपकी पत्रकारिता हैं