पूलिस की छवि को खराब करने के लिए जज ने लिया बदला  कानूनी तौर जज कयू नहीं हूऐ सस्पेंड मधुबनी के झंझारपुर व्यवहार न्यायालय के ADJ प्रथम अविनाश कुमार पर जानलेवा हमला करने के आरोपी लगाया था SHO ने महज 7

पूलिस की छवि को खराब करने के लिए जज ने लिया बदला कानूनी तौर जज कयू नहीं हूऐ सस्पेंड

मधुबनी के झंझारपुर व्यवहार न्यायालय के ADJ प्रथम अविनाश कुमार पर जानलेवा हमला करने के आरोपी लगाया था SHO ने महज 7 घंटे में ही अपना बयान है की अब घोघरडीहा SHO गोपाल कृष्ण ने शुक्रवार रात 10 बजे कहा है कि हमलोगों की पिटाई जज, न्यायालय के कर्मचारी आकाश मिश्रा और इंजीनियर दीपक राज ने ही की है। उनके इस बयान के बाद केस से 11 लोगों के नामों का हटा दिया गया है। अब केस में सिर्फ 3 लोगों के ही नाम है। जबकि, उन्होंने दोपहर 3 बजे जज, सहित 15 से 20 लोगों पर पीटने का आरोप लगाया था।

जरा सोचिए की जज अकेले थे तो पुलिस जबान का कैसे पिटाई हो गई।

(2, पुलिस जबान पूरी तरह से अस्पताल में भर्ती हैं ।

जज अकेले थे तो उन्हें तत्काल कोई भी चोट नहीं पहुंचा बलके जज को घायल हो नहीं था पर पूलिस ही अस्पताल में भर्ती कयू।

सूत्र ने बताया की जज के केबिन में लगे सीसीटीवी कैमरा अभी तक जाँच नहीं हूआ हैं ।

जज के बकील बहूत खुश कयू दिखे बलके चेहरे पर दुखी होना चाहिए।

जज ने पुलिस अधीक्षक को ट्रेनिंग मैं भेजने की बात कयू किया बलके जज के केबिन मैं तीन पुलिस जबान घूसे थे पर एसपी पर निशानदेही कयू।

दरभंगा के DMCH में आरोपी SHO और SI अभिमन्यु शर्मा का इलाज चल रहा है। पुलिस ने वहीं बयान दर्ज किया है।

आरोपी पुलिस पदाधिकारी का यह था पहले का बयान

SHO गोपाल कृष्ण ने DMCH में इलाज के दौरान शुक्रवार दोपहर 3 बजे अपना बयान दर्ज कराया था। उन्होंने कहा था, "16 नवंबर को न्यायालय कर्मी आकाश मिश्रा ने फोन कर मुझे 17 नवंबर 2021 को 11 बजे ADJ प्रथम झंझारपुर के कोर्ट में आने के लिए कहा। उन्होंने बताया कि आप के विरुद्ध विधिक सेवा प्राधिकार में पक्षपात का आरोप है। आरोप दीपक राज ने लगाया है। मेरी ओर से अगले समय के लिए अनुरोध किया गया तो 18 नवंबर को 11 बजे बुलाया गया। मैं अपने थाने के दारोगा अभिमन्यु शर्मा के साथ करीब 2 बजे ADJ के कोर्ट में गया। मैंने न्यायाधीश का अभिवादन किया तो न्यायाधीश ने कहा कि तुमको यहीं रौंद देंगे। तुम कितने पढ़े हो तो मैंने कहा- स्नातक तक पढ़ाई की है। इस पर न्यायधीश बोले कि दीपक इंजीनियर है। तुम उसको सर क्यों नहीं बोलते हो। तुम कल क्यों नहीं आए और इसके बाद उन्होंने अमर्यादित शब्द का प्रयोग किया। मना करने पर न्यायाधीश मुझे मारने लगे। न्यायाधीश के निर्देश पर दीपक राज व आकाश मिश्रा भी मारने लगे। आवाज सुनकर 15 से 20 अधिवक्ता समेत अन्य कर्मी पहुंचे और मुझे पीटने लगे। मुझे पीटता देख दारोगा अभिमन्यु कक्ष में आए तो उनके साथ भी मारपीट की गई। न्यायाधीश के निर्देश पर मेरे गले में रस्सी डाल खींचने लगे। तभी धक्का देकर किसी तरह इन लोगों से जान बचाते हुए मैं शौचालय में घुस गया और दरवाजा बंद कर लिया। अभिमन्यु का सरकारी रिवाल्वर भी छीन लिया गया। न्यायाधीश ने मनगढ़ंत प्राथमिकी दर्ज कराई है।' मधुबनी जज पिटाई कांड पर बढ़ी तकरार

इधर, इस केस को लेकर न्यायपालिका और पुलिस प्रशासन आमने-सामने आ चुका है। बिहार पुलिस एसोसिएशन ने हाईकोर्ट से मांग की है कि बुरी तरह जख्मी थानेदार और दारोगा के बयान पर भी FIR होनी चाहिए। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह ने कहा कि सच्चाई सामने लाने के लिए हाईकोर्ट उच्चस्तरीय जांच कराए। दूसरी ओर, मधुबनी नगर थाना परिसर में मेजर रंजीत कुमार निराला की अध्यक्षता में बैठक हुई। संघ के अध्यक्ष संजय यादव ने कहा कि ADJ अविनाश कुमार अपने कार्यकाल के दौरान जहां भी रहे उनका कार्य विवादित रहा है।

सूत्र से पुलिस की रिपोर्ट मैं यह अभी तक पुष्टि नही हूआ हमला जज ने कराया या गुरुवार को जज पर हमला हूआ।

सीसीटीवी कैमरे की फुटेज की जांच होनी चाहिए ।

माननीय डीजीपी साहब

सूत्र से पता चला की 27 सितंबर 2021 को ADJ प्रथम अविनाश कूमार को पटना हाईकोट ने अटपटे फैसले से प्रशासनिक फैसला से अगले सुनवाई एक रैप कैस को जामनत दी थी उस फैसला की सुनवाई अटपटे फेसला दिया था।

ADJ प्रथम अविनाश कूमार एक रैप आरोपी को जमानत देते हूए कहा था कि अपने अष्ट से कि रैप आरोपी को सजा सुनाया था कि आरोपी अपने गाँव में सभी महिलाओं का 6 महीना कपड़ा धोना होगा

इसी फैसला को निजी जज
ने रोक लगा दिया था कुछ दिनों के लिए पटना हाई कोर्ट ने ऐडीजी
अविनाश कूमार को फैसला देने के लिए मना कर दिया था।

सूत्र से माननीय तो एसपी भी इस फैसले से दूखी जाहिर कर रहे थे जज से पूछा गया की यह कौन फैसला दिये हैं तो जज एसपी से कहा होगा की आप मलिक ना बने

जज के फैसले से आप कानूनी सलाह न ले जज साहब कानून व्यवस्था अच्छी तरह से जानते हैं।

जरा सोचिए और मन कहिए की आप विधि व्यवस्था चलाने बाले एक आईएस को कानूनी पढ़ने के लिए बता रहे।

जज साहब तो पहले से भी सुर्खियों में रहे थे ।

आज के दौर में जज ने जो कहा अखबार से ले लेकर सब सून लेते हैं उन्हीं की बातो को लिख भी देते हैं। कयूकी जज साहब से डरना भी चाहिए कयूकी जज साहब जो हैं। सूत्र से माननीय तो जज ने जो आरोप लगाया है उस पर सीबीआई जाँच होनी चाहिए

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी को मधूबनी कांड को संज्ञान लेना चाहिए ।

गुरुवार को ADJ प्रथम अविनाश कुमार पर उनके चैंबर में घुसकर ​​​​घोघरडीहा थाने के दो पुलिस पदाधिकारियों SHO गोपाल प्रसाद यादव और SI अभिमन्यु शर्मा ने हमला कर दिया था। इसमें ADJ बुरी तरह जख्मी भी हो गए।

सूत्र ने बताया की जज साहब बिंदास हैं

जरा आप संभल जाइए की इतना कम सेकंड मैं तीन जबान बंदूक निकालकर टान लिया और संभव बात की पुलिस जबान को मारना होता तो गोली चल भी जाती पर गोली चली ही नहीं जज ने एक आरोप लगाया जो आपके समझ में भी आता होगा की कया यह सच हैं या कहानी बनाई गई हैं आज के जमाने में फिल्म स्टूडियो की तरह।

माननीय मुख्यमंत्री जी को देखना होगा की सीबीआई जांच रिपोर्ट मैं कया आता हैं।

कानूनी कार्रवाई की तोर मैं देखा जाये तो पूलिस जबान के साथ जज साहब को भी तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर देेेेना चाहिए कानूनी तौर पर दौ तरफ से एफ आई आर दर्जज हुआ है ।

उन्होंने अपनी FIR में कहा है कि SHO और SI ने उनके साथ पहले अभद्र व्यवहार किया। इसके बाद उनके साथ मारपीट की। इसी दौरान थानाध्यक्ष ने अपनी रिवाल्वर निकालकर जज पर तानते हुए उन्हें जान से मारने की धमकी भी दे डाली।