एक ऐसा मंदिर जो दशहरे के दिन सिर्फ 3 घंटों के लिए खुला लोगों का लगा ताता ।

विजय दुसेजा बिलासपुर.भारत देश धार्मिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक आस्था से जुड़ा हुआ है जहां अलग-अलग भाषाओं अलग-अलग संप्रदाय के धार्मिक लोग रहते हैं.पूरे विश्व में भारत की एक अलग पहचान है यहां हर धर्म , हर समाज, हर जाति को अपने अपने धर्म अनुसार गुरु की पूजा करने, मानने का अधिकार है अनेकता में एकता ही भारत देश का नाम है इस देश में सभी को अपने-अपने संस्कृति भाषा को बढ़ाने की स्वतंत्रता है किसी भी पर्व पर रोक नहीं है मंदिर तो अनेक हैं लेकिन कुछ ऐसे भी प्राचीन मंदिर हैं जिनसे लोगों की आस्था जुडी़ होती है इसमें कोई ना कोई प्रासंगिक घटना अथवा विशेषता से जुडी़ एक कहानी होती है और छत्तीसगढ़ के हृदय स्थल जिसे न्यायधानी भी कहा जाता है बिलासपुर
शहर में भी ऐसे ही प्राचीन मंदिर हैं आज भी उसकी जानकारी सभी को नहीं है किन्तु एक मंदिर ऐसा है जो शायद पूरे प्रदेश भर में लोगों का आस्था का केंद्र बना हुआ है.इस मंदिर की क्या विशेषता है, ऐसा ही एक सीता राम हनुमान मंदिर है जिसे मनोकामना मंदिर भी कहा जाता है हटरी चौक जूना बिलासपुर स्थित यह मंदिर दशहरे के दिन खोला गया शाम 5:00 बजे समय से पहले ही आकर लाइन में खड़े हो गए थे भक्त जन ताकि जल्द से जल्द हम मंदिर खुलते ही भगवान श्री रामचंद्र जी माता सीता जी लक्ष्मण जी हनुमान जी के दर्शन कर सके क्योंकि मात्र 3 घंटे के लिए खोला जाता है इसलिए लोगों की आस्था जुड़ी हुई है इस मंदिर से दूर-दूर से लोग पहुंचे दर्शानाथ के लिए अंदर फोटो खींचना मना है इसलिए हम बाहर के कहीं फोटो दिखा सकते हैं अंदर क्या था इसकी जानकारी बता सकते हैं अंदर में दो छोटे-छोटे मंदिर से 2 फीट के इसमें प्राचीन मूर्तियां स्थापित भगवान रामचंद्र जी भ्राता लक्ष्मण जी माता सीता जी हनुमान जी की लोग नारियल सोनपान पत्ती प्रसाद लेकर अपनी बारी का इंतजार करते रहे हैं जैसे उनकी बारी आ गई अंदर गए प्रभु के चरणों में प्रसाद रखकर प्रार्थना करके आगे बढ़ते गए करोना महामारी के कारण पिछले वर्ष मंदिर नहीं खोला गया इसलिए इस साल मंदिर खोला गया शासन की गाइडलाइन के अनुसार व भक्तों की तादाद को देखते हुए एक घंटा अतिरिक्तसमय बढ़ाया गया सभी भक्तजन दर्शन कर सकें इस वर्ष मंदिर के कपाट बंद हो चुके हैं अब अगले वर्ष दशहरे के दिन ही खुलेंगे