केंद्र सरकार अमीरों को छूट दे रही है और गरीबों को लूट रही है -शंकर सिंह, किसान आंदोलन सम्मान और जीवन बचाने की लड़ाई -निखिल डे

भीम से दुर्गा प्रसाद सिगांनिया की रिपोर्ट
राजसमंद 27 सितंबर
संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा बुलाए गए भारत बंद के समर्थन में मजदूर किसान शक्ति संगठन और राजस्थान असंगठित मजदूर यूनियन की ओर भीम के बाजारों में रैली निकाली और सभा की।
*सूजाजी चौक पर हुई सभा*
रैली के दौरान ही सूजा जी चौक पर सभा हुई जिसमें मजदूर किसान शक्ति संगठन के संस्थापक सदस्य और प्रख्यात रंगकर्मी शंकर सिंह ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र में बैठी हुई सरकार अमीरों को छूट देती जा रही है और गरीबों से लूट रही है क्योंकि आज मंहगाई सुरसा के मुंह की तरह बढ़ती जा रही है। डीजल, पेट्रोल और रसोई गैस की कीमत इतनी ज्यादा कुछ ही समय में बढ़ गई है जिससे आम आदमी का जीना बहुत दूभर हो गया है। कुछ पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए किसानों के साथ हठधर्मिता के साथ अड़ी हुई है जो बहुत ही गलत है। यहां पर हुई सभा को प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता निखिल डे भी संबोधित किया और कहा कि किसान आंदोलन सम्मान और जीवन बचाने की लड़ाई है। यदि यह आंदोलन असफल हुआ और सरकार ने किसानों की बात नहीं सुनी तो हमारा जीवन ही संकट में पड़ने वाला है। आज यदि हम किसानों का साथ नहीं देंगे तो कल हमें भी इसी प्रकार सड़क पर आना पड़ेगा। सभा को संबोधित करते हुए लालसिंह ने कहा कि हम आज पार्टियों और विचारधाराओं में बंटे हुए हैं लेकिन हमें यह सोचना होगा कि अनाज यदि नहीं होगा तो क्या हम जी पाएंगे। हम चाहे किसी भी पार्टी या मंच से जुड़े हों हमें आज किसानों का साथ देना होगा नहीं तो हमारी आने वाली पीढ़ियां हमें माफ नहीं करेगी।
*भीम के बाजारों में निकाली रैली*
बड़ी संख्या में मजदूर और किसान आज पाटिया के चौड़ा भीम में एकत्रित हुए और पाटिया के चौड़ा से डाक बंगला, हॉस्पिटल रोड, सूजाजी का चौक होते हुए मुख्य बाजारों से रैली निकाली। अंत में रैली बदनोर चौराहे पर पहुंची जहां पर महिला साथियों ने मजदूरों के लिए कृषि कानूनों से होने वाली मुश्किलों के बारे में बताया और रैली समाप्त की।
उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष 26 नवंबर को किसान आंदोलन की शुरुआत हुई और यह आंदोलन आज तक चल रहा है अभी इस आंदोलन को चलते हुए 10 महीने का समय हो गया है। केंद्र सरकार ने किसानों से बिना किसी सलाह और मशविरा के 3 कृषि कानून बनाए जो किसानों और मजदूरों के लिए बहुत ही मुश्किल खड़ी करने वाले हैं। इनमें पहला कानून जमाखोरी को बढ़ाता है, दूसरा कानून सरकारी मंडी को बायपास करता है और तीसरा कानून संविदा खेती वाला है जो बड़ी कंपनियों को खेती देने जैसा है जिससे खेती से आने वाली चीजें उनके नियंत्रण में चली जाएंगी और मंहगाई बहुत बढ़ जाएगी।
*मजदूर किसान किराना स्टोर रखे गए बंद*
बहुत कम मुनाफे के साथ चलाए जा रहे मजदूर किसान किराना स्टोर किसानों के द्वारा बुलाए गए भारत बंद के समर्थन में बंद रखे गए।
भीम में भारत बंद के समर्थन में हुई रैली में भीम के आसपास की ग्राम पंचायतों के मजदूरों और किसानों ने भाग लिया और उसी के साथ विभिन्न राज्यों के मजदूर संगठनों के साथियों जिनमें उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश, बिहार, झारखंड छत्तीसगढ़, हिमाचलप्रदेश और दिल्ली ने भाग लिया और अपनी हिस्सेदारी निभाई।