20 हजार रुपये का फोन सिर्फ पांच हजार में अगर खरीदने का मिले ऑफर तो हो जाएं सावधान,

20 हजार रुपये का फोन सिर्फ पांच हजार में अगर खरीदने का मिले ऑफर तो हो जाएं सावधान, फर्जी कॉल सेंटर के जरिए हो रहा ठगी का खेल

आजकल सोशल मीडिया पर लाखों का फोन हजारों में, 20 लाख की कार 2 लाख में या महंगे घरेलू सामान बेहद सस्ते दर पर बेचने के ऑफरोंकी भरमार है। ऐसे में बहुत से लोग इन ठगों के झांसे में आकर अपनी गाढ़ी कमाई गवां रहे हैं। ऐसा ही एक गिरोह दिल्ली से पुलिस के हत्थे चढ़ा है। साइबर सेल ने पश्चिम विहार में संचालित एक फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा किया है, जहां से कम दर पर मोबाइल फोन बेचने का झांसा देकर लोगों से ठगी की जा रही थी। पुलिस ने फर्जी कॉल सेंटर के सरगना समेत 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें 8 महिला टेली कॉलर भी शामिल हैं।

दिल्ली के बाहर के लोगों को करते थे कॉल

सरगना अजीत पहले कॉल सेंटर में काम कर चुका है। दो महीने पहले ही उसने गैंग खड़ा कर ठगी शुरू की। आरोपी दिल्ली के बाहर के लोगों को कॉल कर 20 हजार की कीमत वाले मोबाइल फोन पांच हजार में देने का लालच देते थे।

एडवांस पैसा मंगाकर पैकेट में भर देते थे साबुन

एडवांस पैसा मंगाकर पैकेट में साबुन व अन्य चीज रखकर भेज देते थे। जालसाज ने मोबाइल के नाम पर साबुन आदि भेजने के लिए बाकायदा फर्जी पते पर डाकघर में अपने फर्म का रजिस्ट्रेशन भी करवा रखा था।

50 हजार के मासिक किराये पर मकान ले रखे थे ठग

डीसीपी परविंदर सिंह ने बताया कि जालसाजी गैंग का सरगना अजीत बहादुरगढ़ स्थित बापरोड़ा पाना गांव का रहने वाला है। अन्य आरोपियों में फुरकान, प्रभादित, यशपाल, उमेश, नितिन, संजना, लता, काजल, प्रिया, नैना, पूजा, कीर्ति और नीलम शामिल हैं। फर्जी कॉल सेंटर के लिए 50 हजार के मासिक किराये पर मकान लिया गया था, जहां दो महीने से आरोपी ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे थे। पुलिस ने यहां से दो सीपीयू, एक लैपटॉप, नौ मोबाइल फोन, एक मॉनीटर, एक सिम कार्ड सर्वर के साथ 32 सिम कार्ड, एक फोन, 20 रजिस्टर, राउटर, एक बार कोर्ड स्केनर और एक प्रिंटर जब्त किए हैं।

आउटर दिल्ली पुलिस ने राजधानी दिल्ली के पश्चिम विहार इलाके में चल रहे एक फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा करते हुए 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इसमें 8 महिला टेलिकॉलर भी शामिल हैं. इन सभी पर आरोप है कि यह एक नामी कंपनी के फोन को सस्ते दामों पर बेचने का झांसा देकर लोगों के साथ ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे थे.

ऐसे होती थी ठगी...
छापेमारी के बाद जब पुलिस की टीम ने इस फर्जी कॉल सेंटर के मालिक अजीत से पूछताछ की तो उसने खुलासा हुआ कि वह पहले एक कॉल सेंटर में काम करता था और करीब 2 महीने पहले ही उसने खुद का कॉल सेंटर खोलकर ठगी के धंधे का काम शुरू किया था. पूछताछ में अजीत ने बताया कि जिस मोबाइल की कीमत 20 हजार होती है उसे वह 5 हजार में देने का लालच देता था और जब कोई शख्स उसके झांसे में आ जाता था तब उसे ऑनलाइन भुगतान करने के लिए कहा जाता था. जैसे ही रकम खाते में ट्रांसफर होती थी उसके बाद उस शख्स को पैकेट में साबुन या कुछ और चीज रख कर भेज दी जाती थी. जब फोन खरीदने वाले शख्स को उसका फोन नहीं मिलता था तब वह कंपनी के दिए गए नंबर पर शिकायत करता था और उसके बाद फर्जी कॉल सेंटर कर्मचारी उससे सेटलमेंट करते थे. इस तरीके से उन लोगों ने सैकड़ों लोगों को अपना शिकार बनाया. पुलिस की माने तो यह रकम इतनी कम थी कि कुछ लोग शिकायत भी नहीं करते थे सबसे बड़ी बात यह कि फर्जी कॉल सेंटर के मालिक ने फर्जी पते पर डाकघर में अपनी फर्म को रजिस्टर करवाया हुआ था.