मशहूर ब्रांड की फर्जी वेबसाइट के जरिए लोगों से ठगी करने के चार आरोपी गिरफ्तार

पांच सितंबर कई नामी ब्रांड की फर्जी वेबसाइट चलाने और फ्रेंचाइजी व डीलरशिप दिलाने के नाम पर कारोबारियों को ठगने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी।

पुलिस ने कहा कि आरोपी विनय विक्रम सिंह (37), विकास मिस्त्री (24), विनोद कुमार (27) और संतोष कुमार (32) को दिल्ली, बिहार, हरियाणा और पंजाब में छापेमारी के दौरान गिरफ्तार किया गया।

इस संबंध में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि आरोपी अमूल, पतंजलि और हल्दीराम जैसे प्रतिष्ठित ब्रांड की नकली वेबसाइट को मिलते-जुलते नाम वाले डोमेन के साथ पंजीकृत कराकर संचालित कर रहे थे।

अधिकारी ने बताया कि पुलिस जांच के दौरान पता चला कि यह गिरोह 16 राज्यों में हुई करीब 126 साइबर धोखाधड़ी से जुड़ा था और इसने अब तक लोगों से करीब एक करोड़ 10 लाख रुपये से अधिक की रकम ठगी है। पुलिस ने गिरोह के सदस्यों के 17 बैंक खाते जब्त किए हैं।

पुलिस के मुताबिक, यह मामला तब प्रकाश में आया जब इस गिरोह की धोखाधड़ी की शिकार एक महिला ने पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई।

पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया कि वह हल्दीराम आउटलेट चलाना चाहती थी। इसके लिए जब उसने ऑनलाइन तलाश शुरू की तो वह एक वेबसाइट के संपर्क में आयी जिसे हल्दीराम की साइट होने का दावा किया गया था और इस वेबसाइट ने महिला को फ्रेंचाइजी एवं डीलरशिप की पेशकश की।

पुलिस ने बताया कि फ्रेंचाइजी व डीलरशिप देने के नाम पर दो महीने के दौरान महिला से विभिन्न भुगतान के नाम पर 11.74 लाख रुपये से अधिक की रकम ठगी गई।

पुलिस उपायुक्त (साइबर) अन्येश रॉय ने कहा कि जांच के दौरान पाया गया कि हल्दीराम के नाम से बड़ी संख्या में फर्जी वेबसाइट चल रही हैं और ये सभी वेबसाइट मोटी रकम लेकर हल्दीराम की फ्रेंचाइजी देने का दावा कर रही हैं।

उन्होंने कहा कि यह भी सामने आया कि देश में बड़ी संख्या में लोग ऐसी फर्जी वेबसाइट के झांसे में आकर धोखाधड़ी के शिकार बन रहे हैं।

  • इन नाम से बना रखी थी बेवसाइट

haldiramsfranchise.in

haldiramfranchise.com

haldiramdeal.com

36 मोबाइल का कर रहे थे इस्तेमाल

पुलिस ने शिकायत दर्ज करने के बाद टेक्निकल सर्विलांस के आधार पर जांच आगे बढ़ाई तो फर्जी वेबसाइट से जुड़े कई नंबरों का पता चला। इसी के साथ जिन बैंक खातों में रुपये मंगाए गए थे, उनसे जुड़े मोबाइल नंबरों की भी जानकारी हुई। गैंग के बदमाश कुल 36 मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे थे।

  • इन स्थानों पर छापेमारी

नालंदा (बिहार)

फरीदाबाद,

हरियाणा,

लुधियाना (पंजाब)

दिल्ली

नालंदा और फरीदाबाद से गिरफ्तारी

पुलिस टीम ने सर्विलांस की मदद से लोकेशन मिलने पर 27 अगस्त की रात बिहार के नालंदा में छापेमारी की और आरोपी विकास मिस्त्री, उसके जीजा संतोष और संतोष के भाई विनोद को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद इनसे पूछताछ कर टेक्निकल सपोर्ट देने वाले चौथे आरोपी विनय विक्रम सिंह को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया।

आरोपियों ले रखी है एमबीए व बीसीए की डिग्री

सरगना विकास मिस्त्री ग्रेजुएट है। विनय विक्रम सिंह उसे फर्जी वेबसाइट बनाकर देता था। विनय ने एमबीए कर रखा है। फरीदाबाद का रहने वाला विनय गुरुग्राम में डिजिटल मार्केटिंग की कंपनी चलाता है। विनय वेबसाइट पर ज्यादा ट्रैफिक के लिए एसईओ और की-वर्ड का इस्तेमाल करता था। आरोपी संतोष सरगना विकास का जीजा है। वहीं, आरोपी विनोद संतोष का भाई है। विनोद ने बीसीए की पढ़ाई की है। आरोपी दो वर्षों से ठगी का गैंग चला रहे थे।