वनांचल की वादियों में कुछ ऐसे गांव जहाँ आज नहीं पहुंच सकी विकास की किरण,

वनांचल की वादियों में कुछ ऐसे गांव जहाँ आज नहीं पहुंच सकी विकास की किरण,

संवाददाता कार्तिकेय पांडेय

नौगढ़ -डेढ़ दशक तक नक्सली हिसा में झुलस चुके नौगढ़ इलाके में दुश्वारियों का अंत नहीं हो रहा। जंगल व पहाड़ों के बीच बसे गांवों में आज भी विकास की किरण नहीं पहुंची। कुछ ऐसे ही हालत सेमरसाधोपुर गांव का है। चारों तरफ से बांध व नदियों से घिरे इस गांव के ग्रामीण बारिश के दौरान चार माह तक कहीं बाहर नहीं जा पाते।

गांव के चारों तरफ नदियों व बांधों का पानी फैल जाता है। इससे कहीं आने-जाने के लिए सिर्फ नाव ही एकमात्र सहारा है। मजबूरी में तैरकर नदी पार करना पड़ता है। ग्रामीणों को प्यास बुझाने के लिए चुआड़ का पानी पीना पड़ता है। सेमर साधोपुर गांव की स्थिति बारिश में किसी द्वीप सरीखी हो जाती है। ऊंचाई पर बसे गांव के चारों तरफ बारिश में उफनाई नदियों व बंधियों का पानी भर जाता है। गांव के चारों तरफ इतना पानी जमा हो जाता है कि इसे पैदल अथवा किसी वाहन से पार करना संभव नहीं। ऐसे में ग्रामीण गांव में पैक हो जाते हैं। सितंबर में जब पानी कम होता है, तभी लोग गांव से निकल पाते हैं। बारिश के मौसम में चार माह ग्रामीण गांव से बाहर नहीं जा पाते हैं। यदि किसी की तबीयत खराब अथवा कोई समस्या हुई, तो नाव के सहारे ही जाना पड़ता है। यहां की बेटियां भी पढ़ाई के लिए या तो नाव से विद्यालय पहुंचती हैं या घर बैठ कर पढ़ाई करती हैं। ग्रामीण वर्षों से इस समस्या को झेल रहे हैं। यही नहीं गांव में कहने को तो एक दर्जन हैंडपंप लगे हैं, लेकिन इसमें आधे हमेशा खराब रहते हैं। इस वजह से ग्रामीणों को अपनी प्यास बुझाने के लिए चुआड़ का पानी पीना पड़ रहा। इस दौरान कई पार्टियों के जनप्रतिनिधि जीते और सरकारें बनीं, लेकिन ग्रामीणों की इस दुश्वारी को दूर करने के लिए कभी मुकम्मल पहल नहीं की गई। गांव निवासी परमेश्वरी खरवार, स्वारथ खरवार, राजेश कुमार, शंकर का कहना है कि दो दशक से अधिक समय से दुश्वारी झेल रहे हैं। हालांकि न तो प्रशासनिक अमला और न ही जनप्रतिनिधि समस्या से निजात दिलाने को गंभीर हैं। मोबाइल नेटवर्क इतना खराब की पूछिए मत सेमर साधोपुर गांव में मोबाइल नेटवर्क इतना खराब है कि पूछिए मत। किसी से बात करना होता है तो ग्रामीणों को ऊंचाई पर जाना पड़ता है। पेड़ पर चढ़े बगैर मोबाइल नेटवर्क नहीं पकड़ पाता है। ऐसे में नात-रिश्तेदारों के फोन पर संपर्क करने के लिए मशक्कत करनी पड़ती है।