डर लगता है अब तो हर दिन की शुरुआत पर

डर लगता है अब तो। हर दिन की शुरुआत पर।। ना जाने फिर कौन होगी। बलात्कार वाली रात पर। कितनी बलि चढ़ चुकी है। कितनी और अभी बाकी है। कुछ तो शर्म करो। नारी का सम्मान करो। चौकीदार जाग जाओ अब तो। कुछ सोचों फैसला करो अब तो। क्यो मजबूर करते हो नारी को। कलम तक पहुंची है नारी।। फूलन देवी ना बनने देना। रोक लो बस यहीं नारी को। बर्बाद ना करदे ये भारत को। बिंदिया मल्होत्रा राष्ट्रीय प्रभारी और महासचिव नेशनल अकाली दल (महिला विंग) पूर्व निगम प्रत्याक्षी (आम आदमी पार्टी 7011926973