सीतापुर जिला चिकित्सालय का बुरा हाल चिकित्सक नहीं दे रहे ध्यान

सीतापुर जिला चिकित्सालय में काफी समय से सीएमएस डॉ अग्रवाल तैनात है जिनका ध्यान चिकित्सकों पर नहीं दिखाई दे रहा है चिकित्सक अपनी मौज मस्ती में कार्य कर रहे हैं जिला चिकित्सालय में बैठकर अवैध वसूली करते हुए दिखाई दे रहे हैं वही चिकित्सकों ने अपनी निजी प्रैक्टिस भी चालू कर रखी है जिसमें डॉ पवन कुमार इस समय चर्चा में बने हुए हैं जो पैसा देने वाला व्यक्ति होता है उसका तो इलाज किया जाता है जो गरीब तबके का व्यक्ति है उसका ध्यान नहीं दिया जा रहा है उससे यह कह दिया जाता है कि तुम्हारा इलाज यहां से नहीं होने वाला तुम जाकर अपना इलाज लखनऊ में करा लो वहां से तुम्हें फायदा हो जाएगा डॉ पवन के द्वारा अधिकतर मरीजों को लखनऊ ट्रामा सेंटर रिफर कर दिया जाता है यह ऐसे चिकित्सक है जो गरीबों का दर्द नहीं जानते ऐसी कोरोना महामारी में जिनका कमाना खाना बंद हो गया फिर भी ईश्वर ने उनके ऊपर बीमारी डाल दी जिसको लेकर तीमारदार जिला चिकित्सालय में मरीज को लेकर आते हैं और सोचते हैं कि वहां पर उनका ध्यान दिया जाएगा लेकिन जिला चिकित्सालय के गेट से ही दलालों के चक्कर में तीमारदार फस जाते हैं चिकित्सक को दिखाकर अवैध कमाई करते हैं और जिनको समस्त जांचें बाहर से लिखी जाती हैं चाहे अल्ट्रासाउंड हो या फिर एक्सरा या ब्लड की जांच तीमारदार भी परेशान होकर दलालों के चक्कर में फस जाता है और अपने मरीज की दवाई कराने में कोई कसर नहीं छोड़ता है चाहे वह कर्ज से क्यों ना हो जाए ऐसी समस्या में गरीब तीमारदार का कोई भी हाल लेने वाला नहीं है जहां उत्तर प्रदेश की योगी सरकार गरीबों के दुख दर्द को बांटने की बात करती है वही चिकित्सक एवं जिम्मेदार अधिकारी की लापरवाही के कारण मरीजों को तड़पते हुए देखकर उनकी कोई सुध लेने वाला नहीं है