26 मई को है विशेष दिन, वैशाख पूर्णिमा, बुद्ध पूर्णिमा और चंद्र ग्रहण:-आचार्य राकेश पाण्डेय

साल 2021 का पहला चंद्र ग्रहण 26 मई को है,ये ग्रहण वैशाख पूर्णिमा के दिन लगेगा,जो कि पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। यह आस्ट्रेलिया,जापान,कोरिया,रूस जैसे कई देशों में दिखाई देगा, लेकिन भारत में उपच्छाया चंद्र ग्रहण ही दिखेगा। हमारे देश में किसी भी ग्रहण के 9 घंटे पहले से ही सूतक काल माना जाता है। इस दौरान किसी भी तरह के शुभ काम करने की सलाह नहीं दी जाती है।चंद्रग्रहण बुधवार को वृश्चिक राशि अनुराधा नक्षत्र में लगेगा।


26 मई को पड़ने वाला चंद्र ग्रहण भारत में उपच्छाया ग्रहण की तरह दिखेगा, जिसके चलते सूतक काल मान्य नहीं होगा। आचार्य राकेश पाण्डेय के मुताबिक सिर्फ उन्हीं ग्रहणों का धार्मिक महत्व होता है, जिन्हें खुली आंखों से देखा जा सके।

आचार्य राकेश पाण्डेय जी ने बताया कि हृषिकेश पंचांग के अनुसार जानें ग्रहण का दिन और समय

साल का पहला चंद्रग्रहण 26 मई 2021 दिन बुधवार को दोपहर 3 बजकर 15 मिनट पर शुरू और मध्य 4 बजकर 49 मिनट पर होगा, जो समाप्त 6 बजकर 23 मिनट तक रहेगा। ग्रहण वृश्चिक राशि और अनुराधा नक्षत्र में लगेगा।

आखिर कब होता है वास्तविक चंद्र ग्रहण

आचार्य राकेश पाण्डेय के मुताबिक जिस वक्त सूर्य और चंद्र के बीच धरती आ जाती है और सूर्य की रोशनी चंद्र पर नहीं पड़ती, तब उस घटना को चंद्रग्रहण कहते हैं।

चंद्रग्रहण के दौरान क्या न करें

1. वास्तविक ग्रहण के समय किसी भी तरह के शुभ काम करने की मनाही होती है।

2. चंद्रग्रहण के वक्त भगवान की मूर्ति नहीं छूनी चाहिए। साथ ही सूतक के चलते मंदिर के कपाट भी बंद रखे जाते हैं।

3. ग्रहण के दौरान भोजन बनाने और खाने दोनों ही कामों पर रोक होती है। ऐसा करने पर ग्रहों के बदलाव से स्वास्थ पर बुरा असर पड़ सकता है।

4. ग्रहण के दौरान वाद-विवाद से बचने के लिए भी कहा जाता है। साथ ही बताया जाता है कि पति-पत्नी इस दौरान संयम रखें।

5. इस दौरान गर्भवती स्त्रियों को सबसे ज्यादा ख्याल रखना चाहिए। ग्रहण का विपरीत असर बच्चे पर हो सकता है, इसलिए हमेशा अपने पास एक नारियल रखें।