वृतांत हॉस्पिटल में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर फिर से धरने पर बैठे भाजपा नेता संतोष पांडेय

-आखिर जिले में भ्रष्टाचार बसा है तो क्या बड़े भाजपाइयों को इससे मतलब नहीं है !


रायबरेली- शहर कोतवाली थाना क्षेत्र के डिग्री कॉलेज चौराहा स्थित शहीद चौक पर भ्रष्टाचार के खिलाफ धरने पर बैठे भाजपा नेता।आपको बता दे मामला रायबरेली के मिल एरिया थाना क्षेत्र के आईटीआई परिसर स्थित वृतांत हॉस्पिटल का है।जिसे जिला प्रशासन की सहमति से इस अस्पताल को कोविड-19 हॉस्पिटल बनाया गया है। इलाज के लिए मरीज पहुंचने लगे, जिनसे इलाज के नाम पर लाखों की वसूली होने लगी। जिसको लेकर अस्पताल संचालक पर मोटी रकम वसूलने कि शिकायत मिलने लगी। लोगों ने जिला प्रशासन से शिकायत की लेकिन जिला प्रशासन ने इस पर ध्यान न दिया, भ्रष्टाचार और बढ़ता गया। जिसको लेकर भाजपा के पूर्व नगर अध्यक्ष संतोष पांडेय अपने समर्थकों के साथ अस्पताल के गेट के बाहर धरने पर बैठ गए तब तक न उठने की कसम खाई जब तक जिला प्रशासन इस पर कार्यवाही नहीं करेगा। सुबह से शाम हो गई तो रात करीब 10:00 बजे जिले के आला अधिकारी धरना स्थल पर पहुंचे और कार्यवाही का आश्वासन देकर धरने को बंद करवाया। 3 से 4 दिन बीत जाने के बाद भी अस्पताल संचालक मनमाने रूप से काम करता रहा और जिला प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं किया गया जिससे भाजपा नेता संतोष पांडेय नाराज होकर आज फिर डिग्री कॉलेज चौराहा स्थित शहीद चौक पर आमरण अनशन पर बैठ गए।उन्होंने प्रशासन को 24 घंटे का समय दिया है करवाई करने का उसके बाद वो आत्मदाह कर लेंगे। इस धूप और बेरुखी मौसम ने धरना स्थल पर बैठे लोगों की हालातों में मायूसी और कमजोरी का एहसास दिला दिया फिर भी अभी तक जिला प्रशासन की ओर से कोई धरना स्थल पर नहीं पहुंचा है और धरना जारी है एक तरफ कोरोना महामारी से जूझ रही जनता अपनी जान बचाने में लगी हुई है तो वहीं इस आपदा को अवसर बनाकर प्राइवेट अस्पताल संचालक मनमानी पर उतारू है फिर भी जिला प्रशासन ने अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की। अब देखना यह है कि इस मामले पर जिले के आला अधिकारी क्या रुख अपनाते हैं?क्या जिला प्रशासन वृत्तांत अस्पताल पर करवाई करता है कि नहीं? सोचने वाली बात यह है कि सत्ताधारी दल के बड़े नेता कहां है जो कहते हैं हम भ्रष्टाचार नहीं होने देंगे। इतने बड़े भ्रष्टाचार पर क्यों चुप हैं भाजपा के बड़े पदाधिकारी? सत्ताधारी दल के नेताओं को भी उतना ही शक की नजर से नजर से देखा जा रहा है जितना कि आपदा में अवसर तलाश करने वाले भ्रष्टाचारियों को देखा जाता है। सत्ताधारी दल केे नेता केवल मलाई खानेे ही आएंगे जनताा के दुख से कोई सरोकार नहीं ऐसेे ही कई प्रश्नो को जन्म दे रहा है!