गंगा प्रहरी जान हथेली पर रख वतन के लिए श्मशान घाटों की निगरानी समिति बनाकर पहरेदारी कर रहे !

गंगा प्रहरी जान हथेली पर रख वतन के लिए श्मशान घाटों की निगरानी समिति बनाकर पहरेदारी कर रहे !

एक तरफ करोना महामारी से जंग जीतने का सिलसिला जारी, तो दूसरी तरफ शमशान घाट पर दाह संस्कार की मारामारी कोरोना से जंग हार गए मृतक के परिवार वालों के अंदर भय इस कदर है कि लाशों को गंगा में विसर्जित कर भाग खड़े हो रहे हैं इसी से गंगा प्रहरीयों व गंगा किनारे रहने वाले आश्रितों के सामने गंगा घाट किनारे लाशों की कतार लग जाने से भयावह की स्थिति पैदा हो गई है लेकिन गंगा प्रहरी दर्शन निषाद जान की बाजी लगाकर मुख्य ग्रामीण श्मशान घाटों पर पहरेदारी शुरू करा दिया है इस कार्य हेतु वन अधिकारी, जिलाधिकारी, नमामि गंगे, नेशनल मिशन क्लीन गंगा बोर्ड के अधिकारी, व भारतीय वन्यजीव संस्थान के वैज्ञानिक के साथ-साथ उत्तर प्रदेश सरकार, केंद्र सरकार भी विषम परिस्थिति में कार्य कर रहे हैं दर्शन निषाद के मेहनत के कायल हो गए हैं गांव में जागरूकता के साथ-साथ श्मशान घाटों पर लोगों से अपील कर रहे हैं कि शव को गंगा मे नहीं बहाया जाए कोरोना से मृत शव को जलाया जाए जान के बाजीगर पांचो राज्य के गंगा प्रहरी को पूरा देश सैल्यूट कर रहा है बता दें कि गंगा प्रहरी भारतीय वन्यजीव संस्थान, नमामि गंगे (जल शक्ति मंत्रालय) से प्रशिक्षित पहरेदार गंगा प्रहरी हैं जो की पिछले बार कोविड-19 महामारी के समय भी प्रवासी मजदूरों , राशन वितरण एवं जागरूकता हेतु उत्कृष्ट कार्य के लिए अपने संस्थान का नाम रोशन कर राष्ट्र को गौरवान्वित किया था ।