छत्तीसगढ़ में वैक्सीन पर राजनीति छोड़,पक्ष विपक्ष तीसरी लहर से बचने तैयारी करें।

कुरुद:-कोरोना की दूसरी लहर में एक ओर छत्तीसगढ़ अधमरा सा हो गया है,ऑक्सीजन, रेमिडिसिवर, वेंटिलेटर की कमियों के वजह से जहाँ कई परिवार अपनो को खो चुके हैं,लॉक डाउन ने मध्यम वर्ग की आर्थिक रूप से कमर तोड़ दी है,तीसरी लहर बच्चो के लिए घातक होगी,तीसरी लहर बच्चो को अपनी चपेट में लेगी ऐसा दावा किया जा रहा है, वही कोरोना वैक्सीन को लेकर राजनीतिक रंग पीछा ही नही छोड़ रहा है, केंद्र सरकार के वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कोरोना की तीसरी लहर को लेकर एक तरफ स्पष्ट कर दिया है कि पहली लहर में जहाँ बुजुर्गो गम्भीर बीमारी से पीड़ितों को अपनी चपेट में लिया था,वही डबल म्यूटेंट वायरस ने इस समय युवा वर्ग को चपेट में ले लिया है,तीसरी लहर बच्चो को अपने चपेट में लेगी, वही सुप्रीम कोर्ट ने भी केंद्र सरकार से तीसरी लहर को लेकर कई सवाल किए हैं, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से तीसरी लहर को लेकर जो महत्वपूर्ण सवाल किए हैं उनमे यह पूछा गया है कि सरकार तीसरी लहर को लेकर क्या तैयारी कर रही है,दूसरी ओर वर्तमान में छत्तीसगढ़ में दूसरी लहर को लेकर सजगता नही दिख रही हैं, सरकार और विपक्ष एक दूसरे के ऊपर आरोप प्रत्यारोप में ही पूर्ण दिख रहे हैं, पक्ष और विपक्ष इस मुश्किल घड़ी में भी राजनीति से बाज नही आ रहे हैं जिसका खामियाजा जनता अपनो को खोकर भुगत रही है,इस लड़ाई या यूं कहें राजनीति के चलते छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस विकराल रूप धारण कर कइयों परिवार के लोगो को काल का ग्रास बना रहा है,इस राजनीतिक रंग के चलते ऐसा न हो कि छत्तीसगढ़ सरकार जब तक टीकाकरण की शुरुआत करे तब तक तीसरे चरण तीसरी लहर का आगमन छत्तीसगढ़ में हो जाये,जैसा कि अभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार आंध्रप्रदेश के अंदर कोरोना के तीसरे म्यूटेंट(तीसरी लहर)की खबरे प्राप्त हो रही है,इसे देखते हुवे वर्तमान में राजनीति को परे करते हुवे छत्तीसगढ़ की जनता को बचाना ही विकल्प है,टीकाकरण का कार्य युद्धस्तर पर करने की आवश्यकता छत्तीसगढ़ में आवश्यक है, जिससे छत्तीसगढ़ तिसरी लहर से लड़ने में पूर्ण रूप से सक्षम होकर तैयार खड़ा रहे,अभी भी सरकार विपक्ष की बातों को दरकिनार कर केंद्र से अपेक्षा न कर केंद्र सरकार पे आरोप प्रत्यारोप से दूरी बनाते हुवे कार्य करे तो तीसरी लहर के आने से पहले ही छत्तीसगढ़ सक्षम हो कर तैयार खड़ा होगा।