प्रशासन कर रही लगातार अनदेखी,गर्भवती एवं 3 साल से कम उम्र के बच्चे की माँ महिला कर्मियों की लगाई जा रही कोविड में ड्यूटी। 

रायपुर:-महिला कर्मचारियों के परेशानियों अनदेखी एवं खिलवाड़ करता हुआ जिला प्रशासन।

अभी कुछ दिवस पहले ही बेमेतरा की नर्स दुलारी ढीमर की मृत्यु कोरोना ग्रस्त होने के कारण होगया था, वह 8 माह की गर्भवती थी, परन्तु उसका मातृत्व अवकाश स्वीकृत ना करते हुए, कोविड सेंटर तथा महिला वार्ड में ड्यूटी लगाई गई जिसके कारण कोरोना ग्रस्त होगयी तथा समय से उपचार न मिलने के कारण उनकी और गर्भ में पल रहे बच्चे की अत्यंत दुःखद एवं असामयिक मृत्यु हो गयी।

इन सब के बावजूद भी कई जिलों में जिला प्रशासन नही चेत रहा है, यह वक्तव्य महासंघ के प्रदेश रवि गढ़पाले ने दिया, इसमे और उन्होंने बताते हुए कहा कि प्रशासन निष्ठुरता के साथ काम कर रहा है। जो बुनियादी सुविधाएं महिलाओं को मिलनी चाहिए वो तो मिल ही नही रही है, उल्टा कोविड में ड्यूटी लगाकर गर्भवती एवं नव प्रसूता महिला कर्मचारियों को और मौत के मुंह मे धकेला जा रहा है। महासंघ की महिला प्रदेश अध्यक्ष भगवती शर्मा तिवारी ने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्य पूर्ण कृत्य विभिन्न जिला प्रशासन के जिला दंडाधिकारी के आदेश पर हो रहा है।भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा जारी विभिन्न एसओपी के विरुद्ध जाकर ऐसी ड्यूटी लगाई जा रही है जच्चा बच्चा और अन्य लोग के ऊपर कोविड के कारण जान माल का नुकसान होने की पूरी संभावना बनी हुई है। महिला प्रकोष्ठ की वर्षा मेघानी का कहना है कि शासन और प्रशासन आंख बंद करके सभी कर्मचारियों को मौत के मुंह मे जान बुझ कर धकेलता जा रहा है। इन सब में सबसे ज्यादा तकलीफ में अनियमित महिला कर्मी है जिन्हें न प्रशासकीय सहायता मिलना है ना ही 50 लाख का बीमा कवरेज। जीवन को दांव में लगाकर शासकीय कार्यो को पूर्ण करने की जवाबदेही तय की गई है, अन्यथा की स्थिति में इन अनियमित महिला कर्मियो को सेवा से पृथक करते हुए दंडात्मक कार्यवाही किया जाएगा।
प्रदेश संयोजक अनिल देवांगन ने कहा यह छत्तीसगढ़ महतारी के प्रदेश में घोर अन्याय और हिटलरशाही कार्यवाही का नमूना है, जिसका प्रभाव वर्तमान भूपेश सरकार के ऊपर जरूर पड़ेगा। वही प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष सूरज सिंह ठाकुर ने इस प्रकार के आदेशों की घोर भर्त्सना की है। इस प्रकार के आदेशों से गर्भवती एवं नव प्रसूता महिलाओं के ऊपर जिला प्रशासन अत्याचार की कार्यवाही कर रहे है। और ड्यूटी नही आने पर वेतन काटने तथा सेवा से पृथक करने की धमकी दी जा रही है। प्रदेश संगठन मंत्री संजय सोनी ने कहा कि राजकीय महिला आयोग को इन सब विषय ओर स्वसंज्ञान लेकर विधिक कार्यवाही करनी चाहिए।
महासंघ प्रदेश सरकार से अपील करता है कि, नियमित/अनियमित गर्भवती महिलाओं तथा 3 वर्ष से कम उम्र के बच्चो के लालन पालन करने वाली महिला कर्मचारियों को कोविड के अंतर्गत आने वाली सभी प्रकार के सेवाओ से पृथक रखते हुए आगामी समय पर्यंत तक वर्क फ्रॉम होम करने हेतु आदेश जारी किया जाए यह मांग प्रदेश मीडिया प्रभारी अभिषेक ठाकुर ने रखी जिसका पूरा समर्थन महिला प्रकोष्ठ उपाध्यक्ष हेमलता कोशे, अनीता सिंह तथा रमा शर्मा ने किया।