बीमारी और मृत्यु आरक्षण देख कर नही आती तो आपदा और महामारी के दौर में आरक्षण क्यों ,,,, कांग्रेस कर रही राजनीति ....रामचरित द्विवेदी

राकेश मेघानी की कलम से

मनेन्द्रगढ़। देश इस समय कोरोना महामारी के दुसरे लहर से की त्रासदी से जूझ रहा है। कोविड 19 के मामले और इससे होने वाली मौत के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं। छ.ग. में भी हालात बेकाबू होते दिखाई दे रहे है इस दौरान सरकार ने आदेश जारी किया जिसमें महामारी के बचाव के लिए वैक्सीन में आरक्षण जिससे महामारी से जूझ रहे लोग पहले उम्र के पड़ाव की राह देख रहे थे अब राशन कार्ड में आरक्षण के रंग को देख अपने जीवन मे आरक्षण का महत्व देख रहे है

छ.ग. सरकार द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि 18 वर्ष से ऊपर वाले व्यक्ति को सबसे पहले अंत्योदय राशनकार्ड जिसमे अति गरीब वर्ग के लोगों को टीका लगेगा।उसके बाद बीपीएल कार्डधारी जो गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वालों को टीका लगाया जायेगा और सबसे अंत में एपीएल कार्ड वाले को टीका लगाया जायेगा। सरकार का यह निर्णय मध्यम वर्ग और उच्च वर्गों के लिए दुर्भाग्य साबित हो रहा है
इस संबंध में बयान जारी करते हुये भाजपा मंडल महामंत्री रामचरित द्विवदी ने कहा बीमारी और मृत्यु आरक्षण देख कर नही आती ,, तो प्रदेश की कांग्रेस सरकार का यह निर्णय क्या प्रमाणित करता है कि वह महामारी के इस दौर में आरक्षण के नाम पर राजनीति कर रही है। और इस तरह की प्राथमिकता तय करने में कांग्रेस के नेताओं व प्रदेश के अफसरों ने जिस तरह से यह निर्णय लिया है वह निंदनीय है। सरकार को यह निर्णय वापस लेना चाहिये और महामारी से परेशान लोग जिन्होंने अपनो को खोया है उनके लिए कोई भरपाई तो नही हो सकती लेकिन जो इस दौर से अपने परिवार के साथ आर्थिक मानसिक रूप से झेल रहे है उन लोगों को बचाव और बेहतर उपचार के लिये समान व्यवस्था होनी चाहिये।