संविदा एवं अनियमित कर्मचारियों पर लागू हो शासन के नियम साथ ही दान के नाम पर जबरन कटौती ना की जाए।

अंबिकापुर -छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ सरगुजा इकाई ने वित्त विभाग के आदेश क्रमांक 33 के प्रति घोर आपत्ति दर्ज की है, जिसमें संक्रमण महामारी के नाम पर प्रदेश के सभी कर्मचारियों से 1 दिन का वेतन दिए जाने का आदेश है किंतु सॉफ्टवेयर में उसे इस प्रकार से समायोजित किया गया है की अप्रैल माह के 1 दिन का वेतन कटौती के बिना वेतन देयक पारित नहीं किया जा सकेगा।

जिस कारण यह कटौती स्वेक्षिक न होकर जबरिया हो जाएगी। अर्थात कर्मचारी चाहे या ना चाहे उसके वेतन से कटौती कर ली जाएगी। यह तकनीकी समायोजन अनुचित, आपत्तिजनक, निंदनीय एवं माननीय मुख्यमंत्री जी के सद्भावना के विपरीत है।

छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ का सरगुजा में समस्त आहरण संवितरण अधिकारियों से अपील है कि वे अधीनस्थ कर्मचारियों से विकल्प पत्र भरवाने के बाद ही उक्त कटौती सुनिश्चित करें। कर्मचारियों से भी अपेक्षा की है जहां पूर्व सूचना एवं विकल्प पत्र के कटौती की जाती है इसकी सूचना एवं विरोध तत्काल करें। महासंघ ने यह आरोप लगाया है की पिछले लगभग 2 वर्षों से संविदा एवं अनियमित कर्मचारियों के वेतन में किसी भी प्रकार से कोई वृद्धि नहीं की गई है

और शासन के घोषणा पत्र के उल्लेखित संविदा एवं अनियमित कर्मचारियों का नियमितीकरण करने का लिखित आश्वासन एवं इन कर्मचारियों के हड़ताल के दिनों में सामूहिक मंच से नियमितीकरण का घोषणा की आश्वासन और सरकार बनने के बाद 2019 में माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी के द्वारा सामूहिक मंच से आश्वासन देने के बाद भी आज तक संविदा और अनियमित कर्मचारियों की मांगों पर न कोई विचार की गई ना उन मांगों को पूरा करने के लिए कोई ठोस पहल की गई , दूसरी तरफ कर्मचारी अपना तन मन धन संपूर्ण रुप से इस संक्रामक बीमारी में लगाकर जनता की सेवा कर रहे हैं। साथ ही वे खुद, उनका परिवार कोविड-19 से प्रभावित है।

अनेक साथी दिवंगत भी हो रहे हैं लेकिन उनके प्रति प्रदेश की सरकार संवेदनशील नहीं है उन कर्मचारियों को शासन के द्वारा किसी भी प्रकार से कोई भी शासकीय लाभ , अनुदान या पारिवारिक सुरक्षा ना देकर उन्हें संकट में डाल रही है।

उपरोक्त परिस्थिति में छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी महासंघ प्रदेश की संवेदनशील सरकार से कोविड-19 में लगे संविदा एवं अनियमित कर्मचारी छत्तीसगढ़ के इस महामारी में अपनी जान की परवाह किए बिना कोरोना योद्धा अपने अंतिम सांस तक छत्तीसगढ़ की जनता की सेवा कर रहे हैं मोर्चा संभालते हुए कोरोना से संक्रमित होकर दिवंगत भी हो रहे हैं ऐसे संविदा एवं अनियमित दिवंगत कर्मचारियों को 5000000 का बीमा भुगतान का लाभ एवं अनुकंपा नियुक्ति देने की मांग की है। महासंघ में इस मांग को भी दोहराया है की प्रदेश में जिनके पास एमबीबीएस एवं एमएस की डिग्री है उनकी पदस्थापना स्वास्थ्य विभाग में तत्काल की जाए एवं समाज सेवा हेतु उनसे अपील की जाए।

छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी महासंघ के जिला अध्यक्ष अशेष सिन्हा प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से इस आशय की जानकारी दी है।