तरुण प्रकाश, महाप्रबंधक ने बहुविभागीय क्षेत्रीय प्रशिक्षण संस्थान, बिलासपुर में कवच प्रयोगशाला का शुभारंभ किया

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक तरुण प्रकाश ने बहुविभागीय क्षेत्रीय प्रशिक्षण संस्थान, बिलासपुर में अत्याधुनिक कवच प्रयोगशाला (KAVACH Lab Model) का शुभारंभ किया । यह प्रयोगशाला स्वदेशी ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन प्रणाली कवच के प्रशिक्षण को सुदृढ़ करने तथा कर्मचारियों को वास्तविक परिस्थितियों में संरक्षा संबंधी प्रक्रियाओं की समझ विकसित करने हेतु स्थापित की गई है.इस अवसर पर प्रधान मुख्य कार्मिक अधिकारी आदित्य कुमार, प्रधान मुख्य सिग्नल एवं दूरसंचार इंजीनियर गोवर्धन प्रसाद खूँटे, मण्डल रेल प्रबंधक बिलासपुर राजमाल खोईवाल, मुख्यालय एवं मण्डल के विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, कर्मचारी एवं प्रशिक्षणार्थी उपस्थित थे, जो संरक्षा एवं परिचालन उत्कृष्टता के प्रति दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की प्रतिबद्धता को दर्शाता है ।

कवच प्रणाली : भारतीय रेलवे की उन्नत संरक्षा तकनीक

कवच भारतीय रेलवे की स्वदेशी विकसित ऑटोमैटिक ट्रेन संरक्षा (ATP) प्रणाली है, जिसका उद्देश्य ट्रेन संचालन को अत्यधिक सुरक्षित एवं त्रुटिरहित बनाना है । यह प्रणाली सिग्नल पासिंग एट डेंजर (SPAD) को रोकती है, निर्धारित गति से अधिक होने पर स्वतः ब्रेकिंग सुनिश्चित करती है, दो ट्रेनों के बीच सुरक्षित दूरी बनाए रखती है तथा हेड-ऑन और रियर-एंड टक्कर की संभावना को न्यूनतम करती है । इन-कैब सिग्नल डिस्प्ले, मूवमेंट अथॉरिटी की निगरानी और सतत गति-नियंत्रण जैसी विशेषताएँ इसे अत्याधुनिक बनाती हैं ।

प्रयोगशाला की विशेषताएँ एवं प्रशिक्षण लाभ

नवस्थापित कवच प्रयोगशाला में उच्च क्षमता वाले सिमुलेटर के माध्यम से

लोगो पायलट, स्टेशन मास्टर, ट्रेन मैनेजर, सिग्नल एवं दूरसंचार कर्मियों को वास्तविक ट्रेन संचालन की विभिन्न परिस्थितियों

SPAD परिदृश्य

ओवरस्पीड स्थिति

आपातकालीन ब्रेकिंग

ट्रेन-टू-ट्रेन टक्कर रोकथाम का जीवंत प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।

यह सुविधा कर्मचारियों को कवच से जुड़े वास्तविक सिस्टम, उसकी कार्यप्रणाली और परिचालन आवश्यकताओं को समझने में अत्यंत सहायक होगी, जिससे संपूर्ण नेटवर्क पर कवच की तैनाती और उपयोग और भी प्रभावी होगा ।

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में कवच कार्यों की प्रगति

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में बड़े पैमाने पर कवच कार्य स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें स्टेशन-कवच, लोको-कवच, टॉवर, ओएफसी नेटवर्क तथा अन्य संबंधित अवसंरचना शामिल हैं।

लगभग ₹1654 करोड़ की लागत से यह कार्य संचालित हो रहा है।

वर्तमान में नागपुर झारसुगुड़ा सेक्शन (614 रूट किमी) में कवच का कार्य प्रगति पर है।

आगामी वित्तीय वर्ष में नागपुर?गोंदिया सेक्शन (135 रूट किमी) में कवच रोलआउट का लक्ष्य निर्धारित है।

साथ ही कई शाखा लाइनों पर भी कवच स्थापना का कार्य जारी है ।

महाप्रबंधक तरुण प्रकाश के कुशल मार्गदर्शन में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में प्रशिक्षण संस्थानों का तेजी से आधुनिकीकरण एवं विस्तार किया जा रहा है । सिमुलेशन-आधारित शिक्षण, डिजिटल प्लेटफॉर्म, उन्नत लैब मॉडल और नवीन तकनीक के उपयोग के माध्यम से कर्मचारियों के कौशल विकास को प्राथमिकता दी जा रही है ।

यह पहल उच्च संरक्षा मानकों, तकनीकी दक्षता तथा भविष्य के सुरक्षित रेल संचालन को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

नई कवच प्रयोगशाला दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की संरक्षा व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करेगी तथा आने वाले समय में पूरे नेटवर्क में कवच प्रणाली के सफल क्रियान्वयन के लिए एक प्रमुख प्रशिक्षण मंच सिद्ध होगी.