रायबरेली पुलिस हुई बेलगाम, भाजपा नेता के प्रतिष्ठान में गल्ला में डाला हाथ

-कानून का पालन करें अब ये पुलिस के लिए कहा जाएगा

रायबरेली- सूबे के मुखिया महंत योगी आदित्यनाथ जब भी पुलिस के आला अफसरों के साथ बैठक करते हैं तो हमेशा पुलिस की स्वच्छ छवि के साथ-साथ पुलिस को जनता के प्रति मित्रवत व्यवहार बनाए रखने का निर्देश भी देते हैं। किंतु आए दिन रायबरेली जनपद में ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं जिसमें आम जनमानस का तो छोड़िए भाजपाइयों पर भी अत्याचार करने से नहीं कतरा रहे हैं, रायबरेली पुलिस। ताजा मामला एक सिपाही पर भाजपा नेता के प्रतिष्ठान में घुसकर गल्ले में हाथ डालने का आरोप लगा है।शहर कोतवाली क्षेत्र के कैपरगंज चौराहे पर भाजपा के नगर महामंत्री सुचित कुमार सोनकर की बर्फ की दुकान है।आरोप है कि काली रंग की मोटरसाइकिल से आए सिपाही ने दुकान के अंदर घुस कर अभद्रता की और गल्ले में हाथ डाला।शोर शराबा सुनकर आसपास के व्यापारी भी इकट्ठा हो गए जिसके बाद वह अपनी गाड़ी में बैठकर मौके से भाग गया। भाजपा नेता ने बताया कि सिपाही से जब उसका नाम पूछा गया तो उसने अपना बैच छुपा लिया और नाम नहीं बता रहा था जब उससे कड़ाई से पूछा गया तो उसने अपना नाम शक्ति सिंह बताया।लेकिन अगर यह घटना सही है तो पुलिस अधिकारियों को सोचना जरूरी है जो उनके सिपाही बेलगाम हो चुके हैं?
इसके पूर्व में भी दो हफ्ते पहले भाजपा के नगर अध्यक्ष अखिलेश तिवारी को मिल एरिया इंचार्ज बृजेश राय ने एक चोरी की सूचना देने पर भाजपा नेता को ही चोर बनाकर लॉकअप में डाल दिया था। अब सोचने वाली बात यह है की जिस पुलिस का दावा योगी आदित्यनाथ करते हैं यह वही पुलिस है?
रायबरेली पुलिस जिस तरह से कुछ दिनों से अपने कार्यशैली की वजह से सुर्खियों में है। जब यह पुलिस भाजपा नेताओं को भी नहीं छोड़ रही है तो आम जनमानस के साथ कैसे पेश आती होगी? क्या यह भाजपाई आम जनमानस के दुख का अंदाजा अब लगा सकते हैं? जो इन पुलिसकर्मियों के गालियाँ और दुत्कार भी सहते हैं, कितनी पीड़ा होती होगी? अब देखना यह है कि जैसे मिल एरिया इंचार्ज पर कार्यवाही नहीं हुई अब क्या इस सिपाही पर कार्रवाई होती है कि उसी तरह इस मामले को भी दबा दिया जाएगा?