छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ ने एस्मा धारित विभिन्न शासकीय कर्मचारियों के लिए रखा वेतन दुगना करने की मांग ।

रायपुर:-छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ ने एस्मा धारित विभिन्न शासकीय कर्मचारियों (नियमित/अनियमित) के लिए पूरे एस्मा काल मे शासन द्वारा दुगना वेतन प्रदान करने के लिए महामहिम राज्यपाल महोदया तथा छत्तीसगढ़ प्रदेश मुख्यमंत्री के नाम से पत्र जारी कर दिया है।

गौरमतलब है कि 15 अप्रैल 2021 को एस्मा लगाने हेतु छत्तीसगढ़ आसाधारण राजपत्र जारी हुआ है जिसमे समस्त स्वास्थ सुविधाएं, डॉक्टर, नर्स और स्वास्थ्य कर्मी, स्वास्थ संस्थानों में स्वच्छता कार्यकर्ता, स्वास्थ उपकरणों की बिक्री, संधारण एवं परिवहन, दवाइयों की बिक्री संधारण एवं परिवहन, एम्बुलेंस सेवाएं, पानी एवं विद्युत आपूर्ति सेवाएं, सुरक्षा संबंधी सेवाएं, खाद्य एवं पेयजल प्रावधान एवं प्रबंधन तथा बी एम डब्ल्यू प्रबंधन सेवा से जुड़े नियमित तथा अनियमित कर्मी शामिल है।

यह सभी कर्मी इस कोरोना काल मे फ्रंट लाइन कोरोना वारियर्स के रूप में छत्तीसगढ़ की आम जनता के सेवा के लिए लगातार पिछले 1 वर्ष से सेवाएं देते हुए आ रहे है।
एस्मा लगाने के बाद अब ये सभी शासकीय एवं गैर शासकीय अधिकारी/कर्मचारी अब अनिवार्य रूप से सेवा करने के लिए बाध्य होंगे।

महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रवि गढ़पाले ने बताया कि छत्तीसगढ़ प्रदेश में एस्मा धारित शासकीय कर्मचारियों (नियमित/अनियमित) को सम्मान देने के लिए शासन को विशेष पहल करनी चाहिए थी। परन्तु देखने मे यही आया है कि शासन ने अपने स्वयं के शासकीय नियमित और अनियमित कर्मियों को उनके हाल पर छोड़ दिया है और लगातार कार्य करते रहने का दवाब बनाया जा रहा है, जिससे उन सभी की मानसिक दशा में निरन्तर गिरावट देखने को मिल रही है।

प्रदेश अध्यक्ष ने अपने वक्तव्य में यह भी कहा कि, वर्तमान सरकार को इस विषय मे स्वतः संज्ञान लेकर एक विशिष्ट प्रकार का फैसला लेने की आवश्यकता थी जिसमे कोरोना फ्रंट लाइन वारियर्स को इस पूरे एस्मा काल मे पारितोषिक वितरण किया जाना चाहिए था, जो कि नही हुआ है। इस कारण से महासंघ द्वारा समस्त एस्मा धारित शासकीय नियमित तथा अनियमित कर्मियों को पूरे एस्मा काल में उनके वेतन का दो गुना वेतन देने हेतु पत्र प्रेषित करते हुई मानवीय आग्रह किया है।

प्रदेश संयोजक अनिल कुमार देवांगन ने इस पारितोषिक वितरण को जायज करार दिया है, क्योंकि इससे एस्मा धारित कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा तथा एक नए उत्साह और उमंग के साथ कार्य करने के लिए सक्षम हो जाएंगे । प्रदेश उपाध्यक्ष प्रेम प्रकाश गजेंद्र एवं हेमंत सिन्हा ने बताया कि प्रदेश सरकार प्रदेश में वित्तीय संकट को आधार बना कर वेतन कटौती के बारे में विचार कर रही है, जबकि अभी कुछ दिवस पूर्व ही प्रदेश सरकार द्वारा विधायको के पेंशन में सीधे सीधे 15 हज़ार रुपये की वृद्धि कर दिया, 20 हज़ार से 35 हज़ार पेंशन प्राप्त होगा पूर्व एवं वर्तमान विधायको को जिनकी संख्या 270 के आसपास बतलाई जा रही है। ऐसे में वित्तीय संकट नही था राज्य सरकार के समक्ष।
राज्य शासन को जल्द ही इस विषय मे बड़ा फैसला लेना होगा, क्योंकि यह कई कर्मचारियों के लिए जीवन मरण का सवाल निर्मित कर रहा है।