कलेक्टर ने निरस्त किया 3 दुकानों का आंवटन...

कुसुमात्मज/उमरिया। जिला कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने स्वंतत्रता संग्राम सेनानी के नाम पर आवंटित नगर पालिका परिशद उमरिया की स्टेडियम स्थित दुकान क्रमांक 40 व पुराना बस स्टैण्ड स्थित दुकान क्रमांक 46 तथा 67 का आवंटन निरस्त करते हुए दुकानो को सील कर दिया है । विदित हो कि नगर पालिका परिशद उमरिया की स्टेडियम स्थित दुकान क्रमांक 40 व पुराना बस स्टैण्ड स्थित दुकान क्रमांक 46 तथा 67 की बोली लगाने हेतु स्वंतत्रता संग्राम सेनानी दया राम कलवानी निवसी चकरमाटा जिला बिलासपुर छ.ग. ने अपने पुत्र राजेष कलवानी को मुख्तयार नामा (पावर आफ एटार्नी) के माध्यम से उक्त दुकानो की बोली लगाने हेतु अधिक्रत किया था। बोली प्रक्रिया में उक्त तीनों दुकाने दयाराम कलवानी को आंवटित की गई थी। राजेष कलवानी का पावर आफ एटार्नी के आधार पर बोली लगाना विधी सम्मत है, किन्तु दुकान का मालिक नगर पालिका परिषद के साथ ही उक्त दुकानों का अनुबंध कर सकता है किसी अन्य व्यक्ति को इन दुकानों का अनुबंध करने की पात्रता नहीं है।

जांच से उठेगा पर्दा:

राजेष कलवानी के द्वारा इन दुकानों का अनुबंध पावर आफ एटार्नी के आधार पर स्वयं करने का प्रयास किया जा रहा था। साथ ही राजेष कलवानी इन दुकानों को नगर पालिका अधिनियम के विरूद्ध किराए पर भी दे रखा था। दयाराम कलवानी के आधार कार्ड में उनकी जन्मतिथी 06/02/1934 अंकित है। अतः बोली लगाने के वर्श 2017 में उनकी आयु लगभग 83 वर्श होती है। दयाराम कलवानी वर्तमान में जीवित हैं य नहीं, यह भी जांच का विषय है।

प्रभावषाली नेता का मोहरा !:

दयाराम कलवानी को नगर पालिका प्रषासन ने दयाराम कलवानी को बार-बार दुकानों का किराया जमा करने तथा स्वयं उपस्थित होकर अनुबंध का निश्पादन करने हेतु लेख किया। लेकिन दयाराम कलवानी अनुबंध का निष्पादन करने हेतु उपस्थित नहीं हुए। प्रकरण कलेक्टर जिला उमरिया के संज्ञान में लाए जाने पर कलेक्टर जिला उमरिया ने 1 जनवरी 2021 को उक्त तीनों दुकानों का आवंटन निरस्त कर दिया है तथा 11 फरवरी 2021 को तीनों दुकानों को सील कर दिया है। जनचर्चा है कि राजेष कलवानी और दयाराम कलवानी नगर के एक प्रभावषाली नेता के मोहरे हैं। जिनकी आड में उसने औने-पौने दामों में तीनों दुकानों पर कब्जा कर लिया था तथा तीनों दुकानों को किराए पर चलवा रहा था।

जांच की उठी मांग:

यदि भूतपूर्व सैनिकों के नाम पर आवंटित दुकानों की नस्ती की भी जांच की जाए तो उन दुकानों की निलामी प्रक्रिया में भी व्यापक अनियमित्ताएं सामने आएंगी। सूत्रों के अनुसार नगर का यह प्रभावषाली नेता जो कि न्यायालय को अपने ढाल की भांति उपयोग करता है, राजेष कलवानी को मोहरा बनाकर दुकानों के आवंटन निरस्तीकरण के विरूद्ध याचिका दायर करने की फिराक में है।