चंदौली- जनपद में यहां अधिवक्ता पर जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करने पर एसडीएम, नायब तहसीलदार और कानून को पर मुकदमा हुआ दर्ज

चंदौली- जनपद में यहां अधिवक्ता पर जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करने पर एसडीएम, नायब तहसीलदार और कानून को पर मुकदमा हुआ दर्ज

संवाददाता कार्तिकेय पांडेय

चंदौली- अधिवक्ता पर जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल करना अधिकारियों के लिए महंगा पड़ गया। विशेष न्यायाधीश अंबर रावत ने मुगलसराय तहसील के तत्कालीन तत्कालीन एसडीएम शिपू गिरी (वर्तमान सीडीओ प्रयागराज) नायब तहसीलदार ध्रुवेश कुमार सिंह, कानूनगो व कंप्यूटर आपरेटर के खिलाफ अलीनगर थाने में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। थानाध्यक्ष को आदेश दिया कि पूरे प्रकरण की जांच कर आख्या अदालत में पेश करें।

अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार ने 13 अक्तूबर 2020 को मुगलसराय तहसील से खतौनी निकालने के लिए आपरेटर को प्रार्थना पत्र दिया था। काफी समय बीतने के बावजूद आपरेटर ने खतौनी नहीं निकाली। वहीं सर्वर डाउन होने की बात कहकर टालमटोल करता रहा। आरोप है कि तत्काल खतौनी निकालने के लिए अधिवक्ता से 100 रुपये सुविधा शुल्क की मांग की गई। इस पर उन्होंने निर्धारित शुल्क ही चुकाने की बात कही। इसका विरोध करने पर तत्कालीन एसडीएम, नायब तहसीलदार व कानूनगो आ गए। अधिकारियों ने अधिवक्ता के खिलाफ जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया। अधिवक्ता ने अलीनगर थाने में तहरीर देकर मामले से अवगत कराया था। वहीं एसपी को भी प्रार्थना पत्र दिया था, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इस पर उन्होंने न्यायालय में शपथ पत्र दाखिल किया था। अदालत ने गुरुवार को धारा 156 (3) के तहत मामले को स्वीकार किया। विशेष न्यायाधीश ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी अधिकारियों, कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया।