राजकीय बालगृह (बालक) रामनगर वाराणसी एवं राजकीय संप्रेक्षण गृह (किशोर)रामनगर वाराणसी में विधिक सचिव द्वारा लगाया गया विधिक जागरूकता शिविर एवं किया गया निरीक्षण

वाराणसी:-उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ तथा जनपद न्यायाधीश /अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण वाराणसी श्री ओ.पी .त्रिपाठी के आदेश के अनुपालन मे राजकीय बालगृह (बालक) रामनगर वाराणसी एवं राजकीय संप्रेक्षण गृह (किशोर )रामनगर वाराणसी में विधिक सचिव सुधा सिंह द्वारा विधिक जागरूकता शिविर के आयोजन के साथ साथ निरीक्षण भी किया गया। बाल गृह में बालकों को उनके विधिक अधिकारोंसे परिचित कराते हुए विधिक सचिव द्वारा उन्हें कोरोना से बचाव हेतु उपाय बताते हुए उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया गया एवं बच्चों में संस्था से पलायन की बढ़ती हुई प्रवृत्तिपर भी चर्चा करते हुए बच्चों को समझाया गया । बाल गृह रामनगर में वर्तमान में संस्था द्वारा प्राप्त कराई गई सूचना के आधार पर बालकों की कुल संख्या 51 है, जिनमें से 18 बालक मानसिक रूप से विक्षिप्त है। 18 मानसिक रूप से विक्षिप्त में से तीन बालकों को बहुत ही ज्यादा विशेष देखभाल की आवश्यकता है। जिसके परिप्रेक्ष्य में पूछे जाने पर अधीक्षक द्वारा बताया गया कि इस संस्था में क्योंकि मानसिक रूप से विक्षिप्त बालकों को रखे जाने की संख्या अर्थात नियतन मात्र 10 का है,जिसके सापेक्ष 18 बालक घोषित रूप से विक्षिप्त है एवं चार बालक लगभग घोषित किए जाने के क्रम में चल रहे हैं अर्थात वर्तमान में कुल लगभग 22 मानसिक रूप से विक्षिप्त बालकों की संख्या हो चुकी है। परंतु इसके सापेक्ष ना तो कोई ट्रेंड या विशेष योग्यता वाली नर्स ही संस्था में उपलब्ध है और ना ही विशेष योग्यता प्राप्त कोई शिक्षक या ट्रेनर ही इन मानसिक रूप से विक्षिप्त बच्चों के लिए उपलब्ध है। ऐसी स्थिति में किसी ट्रेंड नर्स या शिक्षक की शासन की ओर से नियुक्ति अत्यंत आवश्यक है। इस संबंध में अविलंब शासन को पत्र प्रेषित किए जाने हेतु विधिक सचिव द्वारा अधीक्षक को आदेशित किया गया।विधिक सचिव द्वारा अधीक्षक को इन बालकों को उनके स्वयं के परिवार से मिलाने के प्रयास करने हेतु जागरूककिया गया ।बालको से उनकी स्वयं की समस्याएं पूछी गई एवं दिनचर्या का जायजा भी लिया गया ।
इसके साथ ही साथ राजकीय संप्रेक्षण गृह (किशोर) रामनगर वाराणसी का भी निरीक्षण एवं विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन विधिक सचिव द्वारा किया गया । राजकीय संप्रेक्षण गृह में निरीक्षण की तिथि पर कुल 99 किशोर उपस्थित थे। विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन भी विधिक सचिव द्वारा राजकीय संप्रेक्षण गृह में ही किया गया एवं किशोरों को उनके विधिक अधिकारसे परिचित कराते हुए विस्तार से उनकी समस्याओं को सुना गया एवं जिन किशोरों के पास उनके स्वयं के अधिवक्ता नहीं है उनको निशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराए जाने के बाबत जानकारी विधिक सचिव द्वारा दी गई। विधिक सचिव द्वारा अधीक्षक को कड़ाई से इस बात के लिए आदेशित किया गया कि किशोरों के साथ किसी भी प्रकार का कोई दुर्व्यवहार किसी स्टाफ या अन्य के माध्यम से कभी ना किया जाए


कोरोना को दृष्टिगत रखते हुए किशोरों को समय-समय पर हाथ धोते रहने ,मास्क लगाए रखने एवं सामाजिक दूरी का पालन करने हेतु भी निर्देशित किया गया।