सिंधी समाज मनाएगा चालीहा महोत्सव पर्व

तखतपुर टेकचंद कारड़ा

हम सब को चाहिए कि अपने आराध्य देव की पूजा इस तरह करें कि पूरे विश्व में शांति कायम हो और सभी एक समान उन्नति करें और हमारा समाज भी इस उन्नति में भागीदार बने उक्त बातें चकरभाटा से आए संत लाल दास साईं जी ने सिंधु भवन में आयोजित कार्यक्रम में कही संत जी ने इस अवसर पर चालीहा पर्व पर की जाने वाली पूजा अर्चना के विषय में विस्तार पूर्वक बताया

तख़तपुर-सिंधी समाज के संत लाल दास(साईं) का सत्संग कार्यक्रम 'चालिहा साहब महोत्सव' पिछले 20 वर्षों से प्रतिवर्षानुसार आयोजित किया जाता है गुरुवार 3 दिसंबर को लाल साई का आगमन तखतपुर हुआ सर्वप्रथम पूज्य सेंट्रल सिंधी पंचायत द्वारा सिंधु भवन तखतपुर में उनका माल्यार्पण से स्वागत किया तत्पश्चात समाज के संरक्षक सदस्यों एवं पदाधिकारियों द्वारा उनका स्वागत सम्मान किया गया जिसमें संरक्षक सदस्य करमचंद टेकवानी,सुरेश मंदानी,नारायण दास बजाज,किशन सचदेव,रमेश कुमार कारड़ा,गिरीश कुमार कुकरेजा,मुरली गागवानी,टेकचंद कारड़ा,दिनेश वाधवानी,मुरली रामानी एवम् समाज के उपाध्यक्ष हेमराज मंगलानी,सचिव राकेश मंदानी,सहसचिव गोविंद गागवानी ने माल्यार्पण कर संत लाल दास का स्वागत किया गया एवं समाज के वरिष्ठ संरक्षक सदस्य परसराम मंगलानी के नेतृत्व में समाज की ओर से साँईं जी को शाल,पुष्पगुच्छ एवं श्रीफल भेंट की गई जिसके बाद महिला समुह मातृशक्ति द्वारा भी साँईं पर पुष्प वर्षा की गई तखतपुर नगर में होने वाली सामाजिक गतिविधियों की जानकारी एवं कार्यक्रम का संचालन समाज के अध्यक्ष विजय कुमार कारड़ा द्वारा किया गया संत साईं लाल दास द्वारा भी समाज में होने वाले सराहनीय कार्यों के लिए समाज की सराहना की एवम् आशीर्वाद रुपी शाल समाज के अध्यक्ष विजय कारडा को उनकी मंगल कामनाओं के लिए भेंट की तत्पश्चात भगवान साँईं झूलेलाल की आरती की गई एवं 16 दिसंबर से 24 जनवरी तक होने वाले चालिहा साहब के महत्व को बताया गया सत्संग कार्यक्रम के पश्चात साँईं के नगर आगमन पर उनका आभार समाज के वरिष्ठ संरक्षक सदस्य परसराम मंगलानी द्वारा किया गया इस दौरान अजीत संतानी, संजय तोलानी,कमल जसूजा,अमित मंदानी,आकाश चंदवानी, सतीश सचदेव, खेमचंद वाधवानी,जग्गु वाधवानी, विनय होतचंदानी,अवि मंगलानी,तुषार मंगलानी,प्रिंस सचदेव,संतराम मनचंदानी,अमित पर्याणी,विजय लोकचंदानी,गौरव गागवानी सहित समाज के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।