किसान के दिव्यांग पुत्र ने पास की नेट की परीक्षा,परिवार में खुशी का माहौल

बक्शी का तालाब के अंतर्गत लालपुर गाँव के किसान हीरा लाल के पुत्र दिव्यांग हरीश कुमार ने नेट की परीक्षा मनोविज्ञान विषय से पास की! उनके परिवार में खुशी का माहौल है!यह परीक्षा राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित की जाती है! हरीश कुमार के परिजन हमेशा कर्ज में डूबे रहे उसके बावजूद हरीश ने कभी हालातों को नही कोशा! हरीश कुमार ने बताया कि अगर व्यक्ति में आत्मविश्वास है तो वह दुनिया के बड़ी से बड़ी जंग को जीत सकता है! दिव्यांग हरीश कुमार ने इह्बास नई दिल्ली,आगरा मानसिक आरोग्यशाला,सीआईपी रांची झारखण्ड,किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय लखनऊ से एम. फील. नैदानिक मनोविज्ञान की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण की! इसका श्रेय माता पिता,भाई,बहन,भाभी,दोस्त व गुरु डॉ. संजय कुमार नायक,डॉ. नलिनी श्रोत्रिय,डॉ. अमिता त्रिपाठी को दिया! दिव्यांग हरीश कुमार का जीवन बड़ा संघर्षपूर्ण रहा,बावजूद दिव्यांगता को मात देते हुए उन्होंने कई उपलब्धियाँ प्राप्त कर अपने परिवार व गुरुजनों का मान बढ़ाया!इन्होने स्नातक महामाया राजकीय महाविद्यालय महोना लखनऊ संबंध लखनऊ विश्वविद्यालय लखनऊ से तथा चित्रकूट स्थित जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान में परास्नातक की शिक्षा प्राप्त की! दिव्यांग हरीश कुमार वर्तमान में मनोविज्ञानशाला प्रयागराज़ से गाइडेन्स और काउन्सलिंग में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहें हैं! प्रशिक्षणार्थियों का हौसला अफजाई व मार्गदर्शन देने के लिएउन्होंने मनोविज्ञानशाला की डायरेक्टर उषा चन्द्रा जी ,प्रभारी प्रीती श्रीवास्तव जी व सभी गुरुजनों का आभार व्यक्त किया! दिव्यांगजनों को जागरूक करने,पर्यावरण संरक्षण आदि कई सराहनीय कार्य करने के लिए दिव्यांग हरीश कुमार को 3 दिसंबर विश्व दिव्यांग दिवस पर उम्मीद हेल्पलाइन फाउंडेशन राजस्थान द्वारा राष्ट्रीय सम्मान दिव्यांग रत्न 2020 से सम्मानित किया जाएगा ! इन्हें मदर फादर फाउंडेशन,रोमानी आर्ट ग्रूप,स्वच्छ भारत निर्माण परिषद,राजीव गाँधी विशेष योग्यजन संस्थान,उम्मीद कर्मवीर योद्धा आदि से सम्मानित किया जा चुका है! हरीश कुमार को स्नातक में मनोवैज्ञानिक उपकरण बनाने पर विशिष्ट पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है साथ ही महाविद्यालय व विश्वविद्यालय स्तर पर कई पुरस्कार अपने नाम किए! इनकी ज्ञान का प्रतीक पुस्तक में वृक्षों का दर्द नामक कविता भी प्रकाशित है तथा काव्य संसद वेबसाइट पर कई कविताएँ भी अपलोड हैं! हरीश कुमार राष्ट्रीय सेवा योजना में स्वंय सेवक भी रह चुके हैं!