राम सिंह नहीं सम्हाल पा रहे उमरिया उपडाकघर की व्यवस्था

कभी पोस्टल ऑर्डर य टिकट, कभी सर्वर फैल तो कभी रशीद ख़त्म के बहाने से हो रही परेशानी

शासकीय पत्राचार करने मे नागरिकों को आ रही कठिनाई..!

उमरिया।जिले में स्थित पोस्ट आफिस कार्यालय की कार्यप्रणाली से आम नागरिक त्रस्त हो चुके हैं, सोशल मीडिया के माध्यम से कई बार शिकायतें की गई लेकिन नतीजा सिफर रहा। व्यवस्था दुरुस्त न होने से यहां शासकीय पत्राचार करने में कठिनाई तो होती ही है साथ ही इनके उदासीनता के कारण कई लोगों के बड़े कार्य लटक जाते हैं। उमरिया पोस्ट ऑफिस का जिम्मा इन दिनों पोस्ट मास्टर राम सिंह मरावी के कंधों पर है किंतु उनके ढुलमुल रवैये से पूरा विभाग धीमा चल रहा है भले ही पीएम ने डिजिटल क्रांति लाकर पोस्ट आफिस को दुरुस्त किया करने का वायदा किया हो लेकिन उनके ये वायदे उमरिया के डाकघर में दम तोड़ती नजर आ रही है।

रजिस्ट्री की नहीं समय सीमा :

पड़ोसी जिले शहडोल के प्रधान डाकघर में रजिस्ट्री लगभग 5 बजे भी हो जाती है किंतु उमरिया डाकघर में रजिस्ट्री कितने समय से कितने समय तक होगी न तो इसकी कोई सूचना और न ही समय सारणी दीवारों य बोर्ड के माध्यम से लगाई गई है और न ही कोई समय निश्चित किया गया जब मन हुआ कार्य का निष्पादन रोक दिया गया।

रशीद खत्म कार्य प्रभावित :

जिले के इस डाकघर में कर्मचारीयो की निरंकुशता उनके कार्यों से लगाई जा सकती है जिसमें बीते दिन पहले तो 1:45 में ही लंच कर लिया गया उसके बाद जब लोग लगभग 2:40 पर पहुंचे तो उन्हें रशीद खत्म होना बताकर वापस बैरंग लौटा दिया गया।

पोस्टल आर्डर भी नहीं :

यहां पदस्थ कर्मचारीयों का कार्य सुस्त है महीने भर से 10 रुपये मूल्य के पोस्टल ऑर्डर और 5 रुपये मूल्य के डाक टिकट ख़त्म है जिससे कई नागरिकों का कार्य बिगड़ रहा है, लेकिन उसे लेकर भी उमरिया पोस्ट कर्मचारियों को कोई लेना देना नहीं है।

पोस्ट मास्टर निरंकुश :

जिले के उपडाकघर के पोस्ट मास्टर की कमान इन दिनों श्री मरावी सम्भाल रहे हैं जो पहले रजिस्ट्री डेस्क में बैठा करते थे जिससे पहले तो रजिस्ट्री खिड़की में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता था किंतु अब उपडाकघर का जिम्मा लेने के बाद कार्यालय बेलगाम हो गया है जिससे हर कार्य में समस्या जाती है। ऐसे में जन नागरिकों की मांग है कि उमरिया पोस्ट आफिस में पदस्थ राम सिंह मरावी और लक्ष्मीकांत विश्वकर्मा को हटाया जाए जिससे व्यवस्था सुचारू और सुलभ हो सके।

इनका कहना है -

# नहीं कभी कभी हो जाता है, 10 का पोस्टल ऑर्डर बहुत दिनों से शहडोल में भी नहीं है, मैं गया था आज लौट के आया हूँ लेकर आता बाईहैण्ड ले आता हूँ, सर यदि रजिस्ट्री नहीं होता तो थोड़ा बता दिया करें - राम सिंह, प्रभारी पोस्ट मास्टर, उपडाकघर उमरिया

# उन्हें रशीद मंगाना चाहिए हमारे यहां शहडोल से, सुबह पता कर लेते हैं अगर कोई मांगे तो यहां से रशीद सप्लाई होती है, दो चीजें हम नोट कर ले रहे हैं अच्छा चलिए उनसे कल बात करते हैं। - ए. के. जैन, डाक अधीक्षक, प्रधान डाकघर शहडोल