सत्ता सुख भोग रहे है जिले के भाजपाईयों का दोहरा चरित्र

रायबरेली- ऊपर जो हैडलाइन आपने पढ़ी है उससे आप भी सहमत होंगे। हमाम में सब नंगे हैं यह कहावत आपने सुनी होगी राजनीतिक हमाम भी कुछ ऐसा ही है,जहां पर भ्रष्टाचार मुक्त समाज की बात तब तक होती है जब तक नेता विपक्ष में होते हैं,सत्ता में आने के बाद सब का चरित्र समान है।

रायबरेली के जिले के भाजपाई विपक्ष में रहते हुए ईमानदारी का लबादा ओढ़े संस्कार और संस्कृति की बात करने वाले भाजपाई आज उसी चरित्र को प्रकाशित करने का काम कर रहे हैं।जिसका उदाहरण विपक्ष में बैठकर सपा,बसपा और कांग्रेस के लिए यह दिया करते थे।

भ्रष्टाचार मुक्त भारत की बात करने वाले जिले के भाजपाइयों का जनता की समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है।जो नेता जनता की समस्या के लिए खड़े होते हैं भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए लड़ाई लड़ते हैं,जिले के बड़े भाजपाई उन्हीं के खिलाफ नोटिस जारी करके स्पष्टीकरण मांगते हैं।

हम बात कर रहे हैं भाजपा के नगर अध्यक्ष संतोष पांडेय की जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान महंगे दाम पर सैनिटाइजर बेचने वालों के खिलाफ मुहिम चलाई अवैध निर्माण करके सरकार के राजस्व का नुकसान करने वालों के खिलाफ मुहिम चलाई और हमेशा अपने प्रतिष्ठान में बैठकर आम जनता की समस्याओं को सुनकर उसका निराकरण करने का प्रयास करते हैं,उनके खिलाफ भाजपा के बड़े नेता षड्यंत्र रचते हैं। इस संबंध में जिला अध्यक्ष ने संतोष पांडेय के खिलाफ नोटिस जारी करके पूछा था कि आप प्रशासन के खिलाफ धरने पर क्यों बैठे? यह नोटिस इस बात को दर्शाता है कि जिला अध्यक्ष शायद यह चाहते हैं कि अधिकारी चाहे जितना भ्रष्टाचार करें उनके खिलाफ कोई बोले नहीं।

अभी हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें भाजपा के कार्यालय के अंदर महिलाओं के अंडर गारमेंट्स मिलने की बात सामने आई।इस वीडियो के वायरल होने के बाद संतोष पांडेय ने जब इस पर भी मुहिम चलाई कि जिन लोगों ने पार्टी को बदनाम करने का काम किया है उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।

दरअसल संतोष पांडेय के खिलाफ जारी है भाजपा के जिला अध्यक्ष के लंबे समय से पनप रहे षड्यंत्र का नतीजा है।लेकिन मौका आज मिला जब संतोष ने वायरल वीडियो के बाद ऐसे लोगों के खिलाफ मुहिम चलाई। महंगा सैनिटाइजर बेचने और हाथी पार्क के मामले में धरने पर बैठने से नाराज जिला अध्यक्ष रामदेव पाल ने मौका देखते ही संतोष पांडेय के खिलाफ मोर्चा खोला है।

यह कोई नई बात नहीं है भाजपा की नीति है कि जब हम सत्ता में आएंगे तो जनता का काम नहीं करेंगे,कार्यकर्ता की सुनेंगे नहीं। कुछ नाम ऐसे जारी होंगे कि अधिकारी सिर्फ उन्हीं की सुनेगा बाकी संगठन के किसी भी कार्यकर्ता की सुनवाई सरकारी कार्यालयों में नहीं होगी।भ्रष्टाचार पूर्व की सरकारों में जिस तरह पनप रहा था वैसे ही फले फूलेगा।

जिला कमेटी उस पर कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी।