कोंच में धूमधाम से शंख,घड़ियाल जे साथ सम्पन्न हुई गोवर्धन की पूजा,घरों में सजाई गई रंगोली

रिपोर्ट-विवेक द्विवेदी


दीपावली पर्व की खुशियां मनाने के बाद विधि विधान से गोवर्धन की पूजा की गई। हवन-पूजन के साथ घंटा घड़ियाल बजाए गए। लोगों ने परिवार के साथ पूजन करने के बाद परिक्रमा की और सुख समृद्धि के साथ सैनिकों की रक्षा की कामना की
दीपावली के बाद परेवा के दिन गोवर्धन की पूजा का विशेष महत्व है। कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने गोर्वधन पर्वत को अपनी एक उंगली पर उठा लिया था और बृजवासियों की रक्षा की थी। तब से लेकर आज तक गोवर्धन की पूजा हिंदू धर्म में होती आ रही है। पुराने रीतिरिवाज के अनुसार सोमवार को घरों में गाय के गोबर से गोधन बनाए गए। इसके बाद रंगोली सजाई गई और फिर विधि विधान से गोवर्धन पूजा की गई। घंटा घड़ियाल बजाए गए, आरती के पहले हवन किया गया। इसके बाद गोवर्धन परिक्रमा करके जयकारे लगाए गए। घर में सुख समृद्धि रहे इसके लिए भगवान श्रीकृष्ण की वंदना की गई। इस बार घरों में शहीद हुए सैनिकों को याद कर देश की रक्षा कर रहे सैनिकों के लिए भी प्रार्थना की गई। खील, लइया का प्रसाद वितरण किया गया
आसपास के ग्रामीण इलाकों में बड़े ही श्रद्घाभाव और परंपरागत उत्साह के साथ हुई। सदस्यों के साथ मिल कर गोवर्धन की विधि विधान के साथ पूजन किया। परिवार के सभी सदस्यों ने मिल कर गिर्राजजी महाराज की प्रदक्षिणा की और उनसे प्रार्थना की कि उनके घरों में सदा सुख शांति रहे और अन्न के भंडार उनके घरों में भरे रहें। अन्नकूट से भगवान गोबर्धन का भोग लगाया गया। बता दे नगर में धूमधाम से गोवर्धन पर्व मनाया गया। दीपावली के दूसरे दिन होने वाला गोवर्धन पूजा का पर्व नगर व ग्रामीण क्षेत्र में परंपरागत तरीके से मनाया गया। इस मौके पर विभिन्न मंदिरों में पूजा अर्चना कर श्रृद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण किया गया। इस दिन महिलाओं ने जहां घरों में गोबर से गावर्धन की आकृति बनाकर उसकी पूजा-अर्चना की तो वहीं, किसानों ने भी अपने-अपने पशुओं को टीका लगाकर उनकी पूजा अर्चना की

रिपोर्ट-विवेक द्विवेदी कोंच जालौन