दीपावली का त्यौहार पांच दिनों तक मनाया जाता है -आचार्य शिवम जी महाराज इंद्रप्रस्थ

कालपी (जालौन) से शोभित पांडेय की रिपोर्ट धनतेरस पर दीपदान अवश्य करें -13 नवंबर शुक्रवार को धनतेरस है। इस दिन यमदीप जरूर करना चाहिए ऐसा करने से अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है। पूरे वर्ष में एकमात्र यही वह दिन है जब मृत्यु के देवता यमराज की पूजा सिर्फ दीप दान करके की जाती है। कुछ लोग नरक चतुर्दशी के दिन दीपदान करते हैं। इसका प्रमाण *स्कंद पुराण और पद्म पुराण में वर्णन मिलता है* कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन सायं काल में घर के बाहर यमदेव के उद्देश्य से दीप रखने से अकाल मृत्यु का निवारण होता है। चार मुख वाला दीपक पूजन करके दीपक को दक्षिण दिशा में रखना चाहिए क्योंकि यम का वास दक्षिण दिशा में होता है। ओम यम देवाय नमः बोल कर के पूजन करना चाहिए। यमदीप दान का मंत्र -मृत्युना पासदण्डाभ्यां कालेन श्यामया सह। त्रयोदश्यां दीपदानात?् सूर्यज: प्रीयतां मम?् ।। इसका अर्थ है - धनत्रयोदशी पर यह दीप मैं सूर्य के पुत्र को अर्थात यम के देवता को अर्पित करता हूं मृत्यु के पास से मुझे मुक्त करें व कल्याण करें। धनतेरस की कुछ खास बातें क्या करें - कुबेर यंत्र महालक्ष्मी यंत्र को अवश्य खरीदें । गणेश लक्ष्मी जी की मूर्ति अवश्य खरीदना चाहिए। सोने चांदी के सिक्के खरीदना शुभ माना गया है। धनिया के बीज भी खरीद सकते हैं । इस दिन आयुर्वेद के देवता भगवान धन्वंतरि का पूजन अवश्य करें ।नवीन झाड़ू खरीद करके उसका पूजन अवश्य करें। सायंकाल दीपदान अवश्य करें ।घर वा दुकान आदि को श्रृंगारित करें ।मंदिर गौशाला नदी के घाट पर तालाब बगीचों में दीपक अवश्य प्रज्वलित करें ।। क्या ना करें- लोहे की वस्तुओं को खरीदारी नहीं करना चाहिए लोहा शनि का कारक माना गया है मान्यता है कि धनतेरस पर लोहे की चीजों को खरीदने पर दुर्भाग्य आता है ।।आप जानते हैं दीपावली का त्यौहार पांच दिनों का तक मनाया जाता है - जिसमें प्रथम दिन धनतेरस , दूसरे दिन छोटी दीपावली , तीसरे दिन लक्ष्मी पूजा, चौथे दिन गोवर्धन पूजा , पांचवें दिन भैया दूज पूजा की जाती है।।