कोरोना में नवाचार ,पीपली की महिला ने खरगोश पाल कर आजीविका का किया साधन प्रति माह 10000 से ₹15000 की होती है आय

धर्म नारायण पुरोहित

राजसमंद 25 अक्टूबर जिले के पीपली नगरकी बेटी ने कोविड 19 कोरोनावायरस चलते एक अनूठी मिसाल पेश की है पीपली की बेटी जमुना कलाल ने अपने ससुराल राजसमंद जिले के बिनोल ग्राम पंचायत में खरगोश फार्म हाउस चला रहे हैं। जमुना कलाल के पति अर्जुन लाल मेवाडा ने बताया यह फार्म हाउस जैसे ही 21 मार्च को लॉकडाउन लगा था उसके बाद मैं और मेरी पत्नी ने मिलकर इसे प्रारंभ किया। हमने शुरुआत में खरगोश कृषि केंद्र से रसीद कटवा कर खरीदे थे उसके बाद उनकी उचित देखभाल कर बच्चे की तरह पालते हुए नर-मादा खरगोश जोड़ी को साथ रखा जिससे उनके बच्चे होते गए ऐसे करके आज मेरे पास 300 से 350 खरगोश है जिसमें 200 मादा, 100 नर और 50 से 50 बच्चे हैं। इनका खर्चा शुरुआत में जब मैंने यह बिजनेस चालू किया तो ₹100000 का इन्वेस्टमेंट किया था जैसे फार्म हाउस में खरगोश उनके बच्चों के रहने के लिए लोहे की जाली से पिंजरा बनाया जो कि ऊपर से खुलता है उसके अंदर खरगोश को रखा जाता है। पिंजरे में खरगोश के खाना के लिए जैसे दलिया, रचका व पानी सभी के अलग-अलग बर्तन पिंजरे में रखे जाते हैं। इस फार्म हाउस की लंबाई 50 फीट, चौड़ाई 30 फीट के नक्शे में बनाया गया है। प्रत्येक पिंजरे में खरगोश व बच्चों के लिए लकड़ी का बॉक्स बनाया गया है खरगोश उसी बॉक्स में ही रहते हैं और जैसे ही उनके भूख लगती है बॉक्स से बाहर आकर दलिया व रचका खाते हैं। खरगोश नर तथा मादा और उनके बच्चे अलग-अलग पिंजरे बनाए हुए हैं। हर महीने में लगभग ₹5000 से ₹7000 खर्चा आता है। वर्तमान में मेरी पत्नी और मैं इनको देख रहे हैं। हमारा घर गुजरा इसी से चलता है। दो-तीन दिन में एक दो खरगोश बिकते हैं लेकिन खर्चा जैसे इनके लिए गेहूं का दलिया एक समय रचका खिलाता हूं। हर माह में मुझे 10 से ₹15000 मुनाफा मिल जाता है।