कोंच-कोरोना की मार,इस साल सिर्फ 5 फीट का बनेगा रावण,मेघनाद के पुतले,पिछले साल बीस पच्चीस फीट के रावण के पुतले का हुआ था दहन

कोरोना की मार,इस साल सिर्फ 5 फीट का बनेगा रावण,मेघनाद के पुतले,पिछले साल बीस पच्चीस फीट के रावण के पुतले का हुआ था दहन

रिपोर्ट-विवेक द्विवेदी-
कोंच की रामलीला का इतिहास बेहद रोचक है। कस्बे के मशहूर रईस चौधरी रामबिहारी गौड़ 1851 में नगर से 3 किलोमीटर दूर पड़री गांव में एक पंचायत करने गए वहां की रामलीला विख्यात थी प्रभावित होकर उन्होंने यह रामलीला कस्बे में मंचित कराने की योजना बना डाली प्रमुख लोगों के परामर्श से उन्होंने इसके लिए अनोखी रूपरेखा बनाई कोंच के आसपास बाग बगीचों, भव्य मंदिरों व सरोवर जैसे मनोहारी स्थलों की भरमार थी तय किया गया कि हर लीला प्रसंग की मांग के मुताबिक चयनित स्थल पर खुले में मंचित होगी 1851 से 1910 तक लीलायें इसी तरह मंचित होती रहीं 1910 के आसपास कुछ लीलायें स्टेज पर होने लगीं स्थायी रामलीला भवन का निर्माण 1957 में हुआ, लेकिन आज भी कई प्रसंगों में यहां लीलाओं के मैदान मंचन की परंपरा बरकरार है इनमें जटायु, रावण, मेघनाथ आदि के ऊंचे-ऊंचे पुतलों को गाड़ियों पर बैठाकर खींचते हुए तमाम लोग पूरे मैदान में दौड़ाते हैं, जिससे बेहद रोमांचक दृश्य उपस्थित हो जाते है हजारों दर्शकों की भीड़ ऐसी लीला देखने के लिए उमड़ती थी लेकिन इस बार दशहरे मेले के आयोजन पर भी कोरोना संक्रमण की मार पड़ी है 168वें महोत्सव दशहरा मेले का आयोजन नही होगा मेले के शुभारम्भ से लेकर रावण दहन कार्यक्रम केवल औपचारिकता भरे होंगे इस बार केवल चार पांच फीट के रावण के पुतले का दहन होगा जबकि पिछले साल 25 फीट के रावण के पुतले का दहन हुआ था नगर के धनुताल मैदान में रावण दहन होगा लेकिन हर बार जैसा नजारा नही होगा लोगो से खचाखच भरे रहने वाले धनुताल मैदान में रावण दहन में सीमित लोग ही होंगे रावण दहन का काम औपचारिक तौर पर ही होगा

रिपोर्ट-विवेक द्विवेदी कोंच जालौन