शकरगढ बना छावनी, उपखण्ड मजिस्ट्रेट के आदेश पर रिसीविगं की सम्पति

शकरगढ़ बना छावनी, उपखंड मजिस्ट्रेट के आदेश पर रिसीविंग की संपत्ति।
राजसमन्द 10 अक्टु० मियाला ग्राम पंचायत में सदियों पुराने शकरगढ़ महल के मालिकाना हक को लेकर दो पक्षों में चल रहे विवाद मामले में उपखंड मजिस्ट्रेट के आदेश पर शनिवार को देवगढ़ थाना अधिकारी नानालाल सालवी बगड़ चौकी प्रभारी हीरसिंह राजकुमार एवं राजसमंद पुलिस लाइन से जाप्ता शकरगढ़ पहुंचे और संपत्ति का बोर्ड लगाया। इस दौरान शकरगढ़ ग्रामवासियों एवं महिलाओं ने गुहार लगाई कि पूर्व में बिना किसी सूचना एवं बिना कोई नोटिस जारी किए जबरन महिलाओं एवं पशुओं को गढ़ से बाहर निकाला गया तथा ताला तोड़कर संपत्ति रिसीविंग करते हुए चिटचस्पा किया गया। अभयसिंह सोहनसिंह रतनसिंह गणपतसिंह विजयसिंह हरिसिंह महेंद्रसिंह हिम्मतसिंह आदि ग्रामीणों ने बताया कि देवगढ़ राज परिवार और शकरगढ़ के ग्रामीणों में पुराने महल को लेकर विवाद चल रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि उनका पुश्तैनी गढ़ है एवं डेढ़ सौ बरसों से परिवार जन रहते आ रहे हैं जिसमें गाय भैंस के लिए हरे घास पड़ी रहती है एवं कुलदेवी का मंदिर है जिसकी पूजा आराधना हम और हमारे परिजन करते आए हैं। हमने प्रशासन से 1 महीने का समय मांगा था की घड़ी में रखी हुई घास सामान आदि व्यवस्थित करने के लिए एवं गाय भैंस पशुओं को बांधने की व्यवस्था करने के लिए लेकिन पुलिस प्रशासन उच्च दबाव में आकर महिलाओं को जबरन गढ़ से बाहर निकाला गया। देवगढ़ थाना अधिकारी नाना लाल सालवी ने बताया कि उपखंड मजिस्ट्रेट देवगढ़ के आदेशानुसार शकरगढ़ में खसरा संख्या 1022 गैर मुमकिन आबादी में स्थित गढ़ खंडहरनुमा को धारा 145 के तहत रिसीविंग में 22 सितंबर को ही संपत्ति पर सूचना बोर्ड लगाना था लेकिन महिला पुलिस कांस्टेबल एवं जाप्ते के अभाव में उस दिन कार्यवाही नहीं हो सकी। शनिवार को संपत्ति का सूचना बोर्ड लगाने के लिए राजसमंद लाइन से पुलिस जाब्ता के साथ मौके पर पहुंचकर रिसीविंग बोर्ड लगाया गया।