पहली पत्नी ने की पुलिस अधीक्षक से दहेज लोभियों की शिकायत

रायबरेली- सरकार महिलाओं के साथ हो रहे उत्पीड़न को लेकर चाहे जितने सख्त कानून बना ले लेकिन महिलाओं का उत्पीड़न आज भी जारी है। कहते हैं कि शिक्षा के अभाव में महिलाओं का उत्पीड़न ज्यादा होता है परंतु उन लोगों का क्या किया जाए जो शिक्षित भी हैं और समाज में एक प्रतिष्ठित परिवार के होने के बावजूद मात्र दहेज के लालच में अपनी पत्नी और पुत्र को छोड़ देते हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं उसी दहेज लोभी इंजीनियर और उसके परिवार की जिसने दहेज के लिए पहले एक शादी को ठुकरा दिया,दूसरी शादी करके गर्भवती होने पर उस महिला को भी घर से निकाल दिया और फिर ज्यादा रुपए मिलने पर तीसरी शादी कर डाली।यह मामला रायबरेली जनपद के मिल एरिया थाना क्षेत्र के सर्वोदय नगर का है।सीनियर इंजीनियर सुरेंद्र सिंह के द्वारा दहेज के लालच में अपनी पत्नी और पुत्र को छोड़ देने के बाद दूसरी शादी करने की शिकायत पहली पत्नी ने पुलिस अधीक्षक को रजिस्टर्ड भेजकर जांच कराने की माँग की है।जिसमें ए 1048 एचअल कॉलोनी अमेठी की रहने वाली संगीता सिंह ने कहा है कि उसकी शादी 2008 में हुई थी और 2009 में उसका बेटा हुआ परंतु शादी के मात्र बीस पच्चीस दिन के बाद से ही ससुराल वालों ने उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया था।नतीजा यह निकला कि पति और ससुराल में सास ननंद ने मिल कर उसे घर से निकाल दिया।उसका बेटा भी उसके मायके में ही पैदा हुआ और पीड़िता के अनुसार आज तक पिता और उसके ससुराल के लोगों ने उसके बेटे की शक्ल भी नहीं देखी।यही नहीं पति ने बिना तलाक दिए दूसरी महिला से शादी भी कर ली है ।

पुलिस अधीक्षक को दिए गए शिकायती पत्र में संगीता ने बताया कि शुरू में ही शादी की जानकारी होने पर उसने तत्कालीन पुलिस अधीक्षक और अपर पुलिस अधीक्षक को शिकायती पत्र देकर अपनी गुहार लगाई थी और इंसाफ की मांग की थी।जिस पर उसका प्रार्थना पत्र महिला थाने को भेज दिया गया था परंतु आज तक उस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई।संगीता ने यह भी कहा है कि कानून और हिंदू रीति के अनुसार आज भी वह सुरेंद्र सिंह की पत्नी है क्योंकि अभी तक उसका किसी भी प्रकार का तलाक नहीं हुआ है।केवल मा० न्यायालय द्वारा उसके और उसके बेटे को गुजारा दिए जाने का ही आदेश दिया गया है।इस हिसाब से आज भी संगीता अपने आप को सुरेंद्र की पत्नी बताती है।उसका कहना है कि वह अपने बेटे और अपने साथ हुई ज्यादतीयों को लेकर इंसाफ की मांग कर रही है और उससे उम्मीद है इस मामले में उसे जल्दी इंसाफ मिलेगा। 9 साल का जीवन उसने अपने मां बाप के घर में रहकर न्याय की आस में बिता दिया है परंतु आज उसका बेटा उससे अपने पिता को लेकर जब तीखे सवाल करता है तो उसका जवाब उसके पास नहीं रहता है। इसलिए अब अपने बेटे के हक के लिए संगीता ने एक बार फिर से कमर कस ली है और पुलिस अधीक्षक को दिए गए पत्र में एक विवाहिता पत्नी के जीवित होते हुए दूसरी शादी कर देने को उसने कानूनन अपराध बताते हुए शिकायत दर्ज कराई है। संगीता ने बताया कि हिंदू अधिनियम और भारतीय संविधान के अनुसार भी एक पत्नी से बिना तलाक लिए दूसरी शादी करना अपराध है लेकिन इसके बाद भी उसके पति ने केवल दहेज के लालच में दूसरी शादी कर ली।इसकी तमाम शिकायतों के बाद भी आज तक कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है।बताते चलें कि सुरेंद्र सिंह एक इंजीनियर के पद पर तैनात हैं उन्होंने पहले एक शादी को उस वक्त मना कर दिया था जब बारात के दरवाजे पर आने का समय हो गया था और यह शादी सात फेरों से पहले ही टूट गई।यहां यह जानना जरूरी है कि यह शादी कोई मामूली व्यक्ति की बेटी से नहीं हो रही थी बल्कि एक अपर जिला जज की बेटी की शादी थी।अपनी बेटी के साथ हुए अन्याय को तो जज साहब ने निपट लिया परंतु दहेज लोभी इंजीनियर और उसके परिवार ने अपना दूसरा शिकार संगीता सिंह और उसके परिवार को बनाया संगीता सिंह के पिता ने बताया कि शादी के समय ₹900000 नगद एक कार सहित तमाम जेवर उसने अपनी बेटी और दामाद को उपहार स्वरूप दिए थे परंतु सभी सामानों को ससुराल पक्ष ने अपने पास ही रख लिया और गर्भवती अवस्था में उसकी बेटी को निकाल कर घर से बाहर कर दिया।

पुलिस अधीक्षक को दिए गए शिकायती पत्र में संगीता ने ससुरालजनो पर कार्यवाही करते हुए अपने और अपने बेटे को न्याय दिलाने की मांग की है।अब देखना यह है कि आने वाले समय में क्या संगीता को न्याय मिल पाएगा क्योंकि महिलाओं के उत्थान की बात तो सभी करते हैं पर आज भी तमाम संभ्रांत घरों में महिलाओं का उत्पीड़न जारी हैं।