जन विरोधी नई शिक्षा नीति को वापस लेने की मांग के लिए प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री के नाम दिया ज्ञापन, मांग नहीं मानी गई तो तेज होगा आंदोलन


डूंगरपुर।। शिक्षा बचाओ आंदोलन' साझा मंच के राज्य व्यापी आह्वान पर आज अंतरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस के अवसर पर छात्र,शिक्षक एवं आमजन विरोधी नई शिक्षा नीति को तुरन्त वापस लेने की मांग के लिए आक्रोश प्रदर्शन किया एवं माननीय प्रधानमंत्री के नाम ज़िला कलेक्टर महोदय डूंगरपुर को ज्ञापन दिया।ज्ञापन में पुरजोर मांग की गई है कि30 जुलाई को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के नाम से जारी की गई जन विरोधीनई शिक्षा नीति के लागू किये जाने पर तुरन्त रोक लगाई जाए एवं इसे वापस लिया जाए। शिक्षक,विद्यार्थी, अभिभावक एवं शिक्षा से जुड़े समस्त हितधारकों से संवाद किया जाए। संसद में व्यापक चर्चा के बाद ही सही मायने में संविधान सम्मत,समतामूलक एवं समावेशी शिक्षा के लिए एक समग्र जन हितैषी शिक्षा नीति तैयार की जाए। यदि मांग नहीं मानी गई तो मंच अपना आंदोलन और तेज करेगा।मंच कार्यकर्ताओं ने आक्रोश व्यक्त किया है कि नई शिक्षा नीति नीजिकरण, व्यावसायिकरण,केन्द्रीयकरण एवं भारतीयकरण के नाम साम्प्रदायिकता को बढायेगी।यह शिक्षा नीति सामाजिक एवं आर्थिक विषमता को बढ़ाकर समतामूलक,समावेशी शिक्षा के संवैधानिक लक्ष्य को कमजोर करेगी। इसका सबसे बुरा असर दलित, आदिवासी,महिला एवं अल्पसंख्यक जैसे वंचित एवं पिछड़े तबके तथा आमजन पर पड़ेगा।राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत डूंगरपुर के सभाध्यक्ष नारायण लाल कोटेड ने बताया है कि जन विरोधी इस नई शिक्षा नीति को वापस लेने की मांग के लिए शिक्षा बचाओ आंदोलन का जनचेतना अभियान 5 सितम्बर से शुरू हुआ। आज 5 अक्टूबर को इसका प्रथम चरण पूर्ण हो गया है। लेकिन जन विरोधी इस नई शिक्षा नीति को वापस नहीं लिया गया तो आने वाले दिनों में आंदोलन तेज होगा। कार्यक्रम में प्रांतीय उपाध्यक्ष हेमंत खराड़ी सभाध्यक्ष नारायण कोटेड जिला संयुक्त मंत्री दिनेश प्रजापति ब्लॉक अध्यक्ष डूंगरपुर कांतिलाल खराड़ी।