प्रतापगढ़ में विधायक की पत्नी सेलेक्ट तो माता को मतदाताओं ने किया रिजेक्ट

प्रतापगढ़ मैं पंचायत राज संस्थाओं के पहले चरण के चुनाव परिणामों ने कांग्रेस विधायक रामलाल मीणा को आत्ममंथन के लिए मजबूर कर दिया है। देर रात घोषित परिणामों में विधायक की माता को सरपंच चुनावों में शिकस्त मिली है। हालांकि उनके लिए राहत की बात यह रही कि कड़े मुकाबले में उनकी पत्नी चुनाव जीतने में कामयाब रही ।
धमोतर पंचायत समिति की 30 ग्राम पंचायतों में सरपंच के चुनाव परिणामों की घोषणा देर रात तक जारी रही ।इन चुनावों में विधायक की माता और पत्नी दोनों अलग-अलग ग्राम पंचायतों से सरपंच उम्मीदवार थे ।विधायक मीणा की पत्नी गेंदादेवी जहां देवपुरा से सरपंच का चुनाव लड़ रही थी तो वहीं मीणा की माता वेलकी बाई ग्यासपुर से सरपंच चुनाव में उम्मीदवार थी ।देर रात घोषित चुनाव परिणामों में देवपुरा से विधायक पत्नी गेंदा देवी कड़े मुकाबले में 13 मतों के अंतर से अपनी निकटतम प्रतिद्वंदी सुगना देवी को हराने में कामयाब रही ।गेंदा देवी को 921 मत प्राप्त हुए और सुगना देवी को 908 मत प्राप्त हुए ।लेकिन विधायक मीणा अपनी माता वेल की बाई को सरपंच पद पर जीत दिलवाने में नाकाम रहे ।ग्यासपुर ग्राम पंचायत से सरपंच के लिए उम्मीदवार उनकी माता वेलकी बाई मीणा को 29 मतों से हार का सामना करना पड़ा ।यहां पर विजेता रूपा देवी को 681 और वेलकी बाई मीणा को 652 मत प्राप्त हुए ।विधायक खेमे में पंचायत चुनाव में मिली इस अधूरी जीत से ,कहीं खुशी तो कहीं गम का माहौल था । इन परिणामों ने विधायक रामलाल मीणा को आत्ममंथन के लिए मजबूर कर दिया है ।परिवारवाद के खिलाफ आवाज बुलंद कर भाजपा को छोड़ने वाले विधायक रामलाल मीणा ने जब इन चुनाव में अपनी पत्नी और माता को चुनाव में उतारा तो उन पर भी वही ठप्पा लग गया। स्थानीय निकाय चुनाव के परिणाम अधिकांशत सत्ता के पक्ष में ही जाते हैं ।विधायक मीणा को भी अपनी पत्नी और माता के जीतने की पूरी उम्मीद थी लेकिन मतदाता ने उन्हें सोचने पर विवश कर दिया है। विधायक रामलाल मीणा जिस परिवारवाद के खिलाफ झंडा उठाकर निकले और जनता ने उन्हें भरपूर समर्थन दिया उसी परिवारवाद को जब विधायक ने अपनाया तो जनता ने उन्हें नकार दिया। परिवार के एक सदस्य को हराकर और दूसरे को जीता कर मतदाता ने यह स्पष्ट संदेश दिया है।