रविवार को प्रदेश के लाखों अनियमित कर्मचारी छटनी रोकने एवं नियमितिकरण करने हेतु, गांधी पदयात्रा निकाला

सवांददाता दिलीप जादवानी@ रायपुर:- छत्तीसगढ़ राज्य के विभिन्न विभागों,निगम मंडलों, स्वशासी निकायों में कार्यरत् अनियमित कर्मचारी रविवार 20 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे राजधानी स्थित बू़ढ़ापार धरना स्थल पर एकत्र होकर महात्मा गांधी 150 वी. जयंती पर गांधी पद यात्रा निकालकर अहिंसात्मक आंदोलन किया एवं छटनी किये गए अनियमित कर्मचारी/अधिकारियों की बहाली , छटनी पर रोक, एवं नियमितीकरण तक 62 वर्ष की जॉब गारंटी” की मांग सरकार से की तथा प्रशासन को तात्कालिक मांग ज्ञापन सौंपा एवं सरकार द्वारा मांगो पर एक माह के भीतर कार्यवाही नहीं करने पर अनियमित कर्मचारी/अधिकारी उग्र आन्दोलन करने की चेतावनी दी| पदयात्रा में छत्तीसगढ़ के दूरस्थ ग्रामीण व नक्सली क्षेत्रों से कर्मचारियों सहित 5000 से अधिक अनियमित कर्मचारी एवं अधिकारी सम्मिल्लित हुए| छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संध के प्रांतीय प्रवक्ता व छत्तीसगढ़ संयुक्त प्रगतिशील अनियमित संयुक्त कर्मचारी महासंध संरक्षक विजय कुमार झा, संयुक्त मोर्चा के प्रांतीय अध्यक्ष गोपाल प्रसाद साहू अनिल कुमार देवाॅगन, रवि गढ़पाले, प्रेम प्रकाश गजेन्द्र ने बताया है कि आंदोलनरियों की प्रमुख मांग प्रदेश के लाखों अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण करने, नवगठित श्री भूपेश बधेल सरकार द्वारा 9 माह 5000 से अधिक अनियमित कर्मचारियों की छटनी को तत्काल समाप्त कर पुनः सेवा में बहाल करने, नियमित कर्मचारियों की भांति 62 वर्ष की आयु तक सेवा गारंटी देने, प्रदेश के माथे पर लगे कलंक के टीके के रूप में पूर्ववर्ती सरकार की भांति जारी ठेकाप्रथा, निजीकरण को तत्काल बंद करने की अपील की। महासंध का आरोप है कि चुनाव पूर्व प्रदेश के मुख्यमंत्री व स्वास्थ मंत्री कांग्रेसाध्यक्ष व प्रतिपक्ष के नेता के रूप में इदगाहभाठा मैदान में जारी अनिश्चितकालिन आंदोलन के मंच से सार्वजनिक धोषणा की थीं कि हमारी सरकार बनने प्रदेश के अनियमित कर्मचारियों को नियमित किया जावेगा। किंतु दुखद् पहलु यह है कि नियमितिकरण तो दूर अल्प वेंतन से अपने परिवार का भरण पोषण करने वाले छत्तीसगढ़ के माटीपुत्रों को बेरोजगार करने निरंतर छटनी की जा रही है। महासंध के धरना आंदोलन पर कोई जिम्मेदार अधिकारी चर्चा व समाधान का मार्ग प्रशस्त नहीं कर रहा है। इससे प्रदेश के अनियमित कर्मचारी अपने आपको छला व ठगा महसूस कर रहे है। रैली में सूरज सिंह बस्तर, आशेष सिन्हा सरगुजा, अजीत नाविक बिलासपुर, टीकमचंद कौशिक बलरामपुर, टोपान सिह सूरजपुर, श्रीकांत मुंगेली, चन्द्रशेखर अग्निवंशी कांकेर, संजय काठले कबीरधाम, राखी शर्मा दुर्ग, सुधेश यादव राजनांदगांव, सुरेन्द्र वर्मा बलौदाबाजार, आदि के नेतृत्व में हजारों कर्मचारी बस ट्रेन मार्ग व स्वयं के साधन से राजधानी पहुच कर सम्मिलित हुए । आज आंदोलन ‘‘करो या मरो‘‘ की भांति किंतु शांतिपूर्ण अहिंसक गांधी पदयात्रा के रूप में इसलिए होगी क्योंकि कभी भी नगरीय निकाय व पंचायत चुनाव की घोषणा के आचार संहिता प्रभावशील होने का खतरा मण्डरा रहा है। ऐसा होने पर आगामी 4 माह शून्य बटा सन्नाटा रहेगा। अनियमित कर्मचारियों का छत्त्तीसगढ़िया सरकार के प्रति एक ही गगनभेंदी नारा गुंजायमान् हुआ "छटनी रोको" ‘‘जम्मो कर्मचारी करत् हे गोहार-नियमितिकरण कर सरकार‘‘ तथा ‘‘आज करो, अर्जेन्ट करों-हमकों परमानेंट करों‘‘। महासंध के गोविन्द साहू, अभिषेक ठाकुर,राजकुमार कुशवाहा, बजरंग मिश्रा, जुनैद खान, राशीद् शेख, विकास श्रीवास्तव, कौशलेश तिवारी, राधेश्याम देवागन, घर्मेन्द्र राजपूत, ग्वाला प्रसाद यादव, अनिता सिंह, भगवती शर्मा, अजीत कोसरिया, संतोष देवागन, कविता निर्मलकर, आदि नेताओं ने अधिकाधिक संख्या में गांधी पदयात्रा में राजधानी में शामिल साथियों को धन्यवाद् ज्ञापित किया है।